नयी दिल्ली, 25 सितम्बर रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के अवैज्ञानिक उपयोग से पर्यावरण को तो भारी नुकसान पहुंचता ही है , इससे पशुओं में बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है और मनुष्य में कैंसर से प्रभावित होने की आशंका छह गुना से अधिक बढ जाती है ।
संश्लेषित उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग ने पर्यावरण को बहुत अधिक हानि हो रही है और अप्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन पर प्रभाव पर रहा है । रासायनिक उर्वरकों के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट आने के साथ ही फसलों का उत्पादन भी कम हुआ है । इसके कारण पशु स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है ।
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि उर्वरकों में भारी धातुएं होती हैं जिनमें सिल्वर, निकिल , सेलेनियम , थैलियम , वनेडियम , पारा , सीसा , कैडमियम और यूरेनियम शामिल हैं जो सीधे मानव स्वास्थ्य के खतरों से जुड़ी हैं। इनसे वृक्क, फेफड़े और यकृत में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है । उर्वरकों के कारण मस्तिष्क कैंसर , प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसर , बड़ी आंत के कैंसर , लिम्फोमा और श्वेत रक्त कण की कमी का खतरा छह गुना से अधिक बढ जाता है ।
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