उरी हमले पर उच्चस्तरीय बैठक, पाक के खिलाफ सेना का रवैया सख्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 20 सितंबर 2016

उरी हमले पर उच्चस्तरीय बैठक, पाक के खिलाफ सेना का रवैया सख्त

नयी दिल्ली 19 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू.कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर आज यहां उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा की और सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना रवैया सख्त कर लिया है। श्री मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उच्च सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कश्मीर घाटी की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद देर शाम श्री मोदी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें आतंकवादी हमले के पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। राष्ट्रपति के भारतीय सशस्त्र बल के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां नार्थ ब्लाक में एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी मौजूद थे।

श्री पर्रिकर और श्री सिंह ने जनरल सुहाग के साथ प्रधानमंत्री को समूचे घटनाक्रम की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के लिए मुहिम चलायी जाये । 

सेना के शिविर पर कल सुबह हुए इस हमले में 17 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे। इस घटना को लेकर समूचे देश में रोष है। खुद प्रधानमंत्री ने भी देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि इस हमले में जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। रक्षा मंत्री ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमले में पाकिस्तान का ‘हाथ’ है क्योंकि मारे गए आतंकवादियों के पास मिले हथियारों पर पाकिस्तान का नाम है, हालांकि पाकिस्तान ने इससे इन्कार किया है। गृह मंत्री भी कह चुके हैं कि ये आतंकवादी पूरी तैयारी और प्रशिक्षण के साथ पाकिस्तान से आये हैं। सूत्रों के अनुसार इस हमले की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) को सौंपी जा रही है। एनआईए की एक टीम ने दौरा कर इस हमले से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की है । 

सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा और शहरी क्षेत्रों में आतंकवादी घुसपैठ से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में काफी संयम बरती है , लेकिन वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सेना इस तरह के हमलों और हिंसा का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है । उन्होंने चेतावनी दी कि सेना सही मौके और उचित जगह पर दुश्मन की हरकतों के जवाब में कार्रवाई करेगी। 
उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के पास से 4 ए के - 47 राइफल , ग्रेनेड लांचर , लांचर ग्रेनेड , पांच हथगोले, दो रेडियो सेट, दो जीपीएस,दो मानचित्र , दो मेट्रिक्स शीट, एक मोबाइल फोन और भारी संख्या में खाद्य पैकेट तथा दवाइयां मिली हैं जिन पर पाकिस्तान का नाम लिखा है । 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने उरी सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले की आज कड़ी निंदा की और इसे कायरतापूर्ण कृत्य करार देते हुए कहा कि अब समय आ चुका है कि पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित किया जाये। उन्होंने सभी देशों से अपील की वे एक साथ मिलकर पाकिस्तान को मदद देना बंद करें। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है और दुनिया के सभी देशों को उसके जघन्य कृत्यों की भर्त्सना करनी चाहिये। उन्हों ने दृढ़तापूर्वक कहा कि भारत उरी आतंकवादी हमले के सूत्रधारों को माकूल जवाब देगा। 

पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए हमले के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की आज मांग की। पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी संघ के अध्यक्ष लाभा राम गांधी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और कहा कि भारत के प्रति पाकिस्तान के विद्वेषपूर्ण रवैये के सबसे पहले वह शिकार बने हैं और बंटवारे के समय से लगभग सात दशक तक उन्होंने अन्याय झेला है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले में भारतीय सैनिकों के शहीद होने से वह बहुत दुखी हैं। 

दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी पर ‘कमजोर’ होने का अारोप लगाते हुए दोहराया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को पाकिस्तान के प्रति अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने उरी में आतंकवादी हमले से मोदी सरकार की पाकिस्तान के प्रति ढुलमुल नीति का खुलासा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की पाकिस्तान के प्रति न तो कोई कूटनीति है और न ही कोई सामरिक नीति है। 

श्री तिवारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सीमा सुरक्षा पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अौर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलग-अलग समय दिए गए बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ सटी सीमा पर घुसपैठ हो रही है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। उन्हाेंने कहा कि केवल जुमलाबाजी करने से कुछ नहीं होगा बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे। 

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून तथा कनाडा और फ्रांस सहित कई अन्य देशों ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है।श्री मून के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि श्री मून इस जघन्य हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों और भारत सरकार के प्रति सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। संयुक्त राष्ट्र इन गतिविधियों को बारीकी से देख रहा है और उस क्षेत्र में रहने वालों की चिंताओं को साझा करता है। 

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। फ्रांस ने कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का भी आह्वान किया और उसने फिर याद दिलाया कि वह कश्मीर क्षेत्र में शांति और विवाद के शांतिपूर्ण समाधान को कितना महत्व देता है। गौरतलब है कि आतंकवादियों ने कल बारामूला जिले के उरी सेक्टर में सेना की 12वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें 20 जवान शहीद हो गये तथा 25 से अधिक घायल हो गये। इस हमले के दौरान सेना की जवाबी कार्रवाई में सभी चार आतंकवादी मारे गये । 

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