बिहार में काटजू के बयान पर राजनीति दलों की तीखी प्रतिक्रिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 27 सितंबर 2016

बिहार में काटजू के बयान पर राजनीति दलों की तीखी प्रतिक्रिया


पटना 27 सितंबर,  उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू के पाकिस्तान को कश्मीर के साथ बिहार भी देने के विवादास्पद बयान के खिलाफ दलगत भावना से उपर उठकर राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना करते हुए इसे बिहार का अपमान बताया है ।

बिहार में मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, “इन दिनों कुछ लोगों को छपने की बीमारी लगी है और इसके लिए उनके पास एक सरल रास्ता है बिहार के बारे में उल्टे बयान देना। ऐसे ही एक महाशय है जिन्होंने कह दिया कि पाकिस्तान को कश्मीर दे दिया जाए लेकिन शर्त यह है कि उसे बिहार भी लेना होगा। इस बयान से ऐसा लगता है कि वह बिहार के माई-बाप हैं।”

मुख्यमंत्री ने तल्ख लफ्जों में कहा कि बिहार किसी की निजी जागीर और बपौती नहीं कि वह अपनी कुंठा निकालने के लिए बिहार को दूसरों को देते रहें। उन्होंने बिहार को चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक की धरती बताया और कहा कि बिहार वह धरती है जहां से उस वृहद् भारतवर्ष पर शासन का संचालन हुआ जो वास्तविक रूप से वर्तमान में भारत का भाग बचा ही नहीं। बिहार का अपना गौरवशाली इतिहास है। यह वह धरती है जहां आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार किया और चाणक्य ने अर्थशास्त्र की रचना की। इसकी अपनी एक गरिमामयी पहचान है इसलिए कोई घर बैठे बिहार के माई-बाप बनने की कोशिश न करें।

वहीं, इस बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा , “ काटजू जी, बिहार में संसाधनों की कमी हो सकती है, लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं है कि बिहार के बारे कोई कुछ भी बोल ले। बिहार ने हमेशा अच्छे और बुरे समय में देश को रास्ता दिखाया है। बिहार भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, गुरु गोविंद सिंह जी, देवी माता सीता जी और कई सूफी संतों की पवित्र भूमि है। उन्होंने आगे लिखा, “आपको जानकारी होनी चाहिए कि बिहार चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, विक्रमादित्य और शेरशाह सूरी जैसे महान शासकों की भी भूमि रही है।

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने श्री काटजू के बयान पर जदयू को आड़े-हाथो लेते हुये कहा कि श्री काटजू को गंभीरता से लेना बेवकूफी है। ये तो जदयू के लोग हैं जो उनके बयान पर उछलने लगते हैं। कुछ माह पूर्व श्री काटजू ने श्री नीतीश कुमार को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था और तब जदयू के नेता खुश हो रहे थे। सोचना तो सत्तारूढ़ पार्टी को चाहिए कि वह श्री काटजू को इतना महत्व क्यों दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने श्री काटजू के इस बयान का कारण बताने के क्रम में तंज कसते हुये कहा, “इन दिनों बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी से कुछ लोगों को काफी परेशानी हो गई है। वह सोचते हैं कि बिहार जाएंगे तो रात बितायेंगे कैसे तो इसका इलाज बस यह है कि बिहार को पाकिस्तान को दे दो।” 

जदयू प्रवक्ता एवं बिहार विधानपरिषद् के सदस्य नीरज कुमार ने विवादास्पद बयान पर श्री काटजू के खिलाफ पटना के शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि श्री काटजू का यह बयान कश्मीर एवं बिहार के प्रति घृणा फैलाने वाला तथा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने वाला है। वहीं, जन अधिकार पार्टी (लो) ने यहां करगिल चौक पर नलिनी रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के नेतृत्व में श्री काटजू का पुतला फूंका। इस दौरान श्री सिंह ने कहा कि अपने बयान के लिए श्री काटजू को माफी मांगनी चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि विवादस्पद बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने अपनी फेसबुक पेज पर कश्मीर को लेकर विवादस्पद पोस्ट लिखा है। पोस्ट में उन्होंने कहा , “ पाकिस्तान को हम एक शर्त पर कश्मीर दे सकते हैं, उसे कश्मीर के साथ-साथ बिहार भी लेना पड़ेगा। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद काटजू ने सफाई देते हुए यह कहा कि वह बस मजाक कर रहे थे।”

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