झारखण्ड सरकार द्वारा पारित संशोधित विधेयक से सूबे के रैयतों को काफी फायदा मिलने वाला है। इस विधेयक के पारित होने से विपक्षियों में बौखलाहट मच गई है। झामुमों नेता हेमन्त सोरेन अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उन्हें अच्छे हाॅस्पीटल में इलाज करवाने की जरुरत है। दिन मंगलवार को सर्किट हाउस, दुमका में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व विधायक जामा सुनील सोरेन ने उपरोक्त बातें कही। जिलाध्यक्ष निवास मंडल, जामा व शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 के विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रह चुके सुरेश मुर्मू व बाबूधन मुर्मू सहित भाजपा में वापस लौट चुकीं महिला नेत्री शर्मिला सोरेन व अन्य की मौजूदगी में पूर्व विधायक सुनील सोरेन ने कहा आदिवासी युवाओं को बहला-फुसला कर उन्हें दिग्भ्रमित करने का काम किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में इस विधेयक के फायदे से भाजपा कैडर लोगों को समझाने का काम करेगें। उन्होनें कहा एसपीटी एक्ट की धारा 13 (क) में आंशिक संशोधन किया गया है। जमाबंदी रैयतों को जमीन अधिग्रहण के समय 4 गुणा अधिक मुआवजा प्राप्त होगा। 5 वर्षों तक यदि उपरोक्त अधिग्रहित जमीन पर काम न हुआ तो जमीन स्वतः रैयतों के हाथ चली जाऐगी। उन्होनें कहा विपक्षी पार्टी झामुमों के द्वारा एसपी काॅलेज के लड़कों को बरगलाया गया परिणामस्वरुप 25 नवम्बर की बंदी में एस पी काॅलेज के समीप चार ट्रकों सहित एक बस व एक छोटी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होनें कहा झामुमों सुप्रिमों शिबू सोरेन व हेमन्त सोरेन आदिवासियों का विकास देखना नहीं चाहते। उन्होने कहा एक्ट के मुताबिक आदिवासियों की जमीन कोई बेच नहीं सकता।
मंगलवार, 29 नवंबर 2016
शिबू व हेमन्त आदिवासियों का विकास देखना नहीं चाहते : सुनील सोरेन
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