सीवान, 14 नवंबर (दीपक कुमार)। सड़क जो आज के जमाने में शहरो के साथ साथ गांवों के लिए भी लाइफलाइन मानी जाती है। इस लाइफलाइन को ऑक्सीजन देने के लिए बिहार तथा केंद्र सरकार लगातार अपनी कोशिशें जरी रखे हुए है पर सरकार की कोशिशों पर पानी फेरने के लिए कुछ कांट्रेक्टर हमेशा तैयार रहते हैं। इन लोगों को न ही सरकार का डर है और न ही गांव वालों की कोई चिंता। हम बात करे रहे हैं सीवान जिले के मैरवां प्रखंड के नौतन, पिपरा गांव की। जहाँ लगभग डेढ़ वर्षो से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क बनाई जा रही थी, जो की आज भी अधूरा है। दिलचस्प बात यह है कि इस सड़क को कागजों में जरूर पूरा कर दिया गया है और कांट्रेक्टर कुमार मानस लंबे समय से गायब है। सड़क के ऊपर रोड़ा बिछा कर उसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया है और आये दिन इस सड़क से गुजरने वाले लोग पत्थरो के चलते घटनाओं का शिकार होते रहते हैं। आपको बताते चलें कि गाँव वालों ने जब सड़क निर्माण होते हुए देखा तब ये सोच कर बहुत खुश थे कि अब उन्हें भी गांव में अच्छी सड़क मिलेगी। पर उनका ये सपना तब टूट गया जब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी सड़क का हाल वही रहा। न ही किसी प्रशासन के अधिकारी की इसकी चिंता है और न ही अपने आप को जनता का हितैषी बताने वाले किसी राजनीतिक पार्टी या नेता को।
नहीं सुन रहे गडकरी जी!
गांव के कुछ युवाओं ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक मुहिम भी छेड़ी है। इस मुहिम के तहत ट्विटर पर युवाओं ने केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी को ट्वीट भी किया। यही नहीं, पीएमओ को भी टैग किया। लेकिन अब तक इसका कोई जवाब नहीं आया। केंद्र सरकार की इस उदासीनता से युवाओं में बेहद निराशा है। हालांकि युवाओं का यह भी कहना है कि उन्हें उम्मीद है केंद्र सरकार इस मसले पर ध्यान देगी।

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