पटना 31 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले से उत्पन्न समस्याओं के समाधान और लगातार बढ़ रही गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की रिकवरी जैसे मांगों को लेकर तीन बैंक यूनियनों की 07 फरवरी को देश के सभी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ ही विदेशी और सहकारी बैंकों में प्रस्तावित एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल टल गई है। इसके स्थान पर 28 फरवरी को हड़ताल होगी। बैंक इम्प्लॉईज फेडरेशन (बिहार) के अध्यक्ष बी. प्रसाद ने आज यहां बताया कि तीन बैंक यूनियनों ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाॅईज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉईज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) ने नोटबंदी के बाद नकदी की हुई किल्लत को देखते हुये सभी क्षेत्रों की बैंक शाखाओं में नकदी की उपलब्धता बढ़ाने, सभी एटीएम को चालू करने, धन निकासी पर लगे सभी प्रतिबंधों के साथ ही कुछ लोगों के पास नये नोटों की भरमार की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कराने जैसी मांगों को लेकर 07 फरवरी की प्रस्तावित हड़ताल को टालने का फैसला लिया गया है। श्री प्रसाद ने कहा कि इसके स्थान पर देश के नौ बैंक यूनियनों के शीर्ष संगठन यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने 28 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया है। हड़ताल की रूपरेखा तैयार करने के लिए सभी बैंक यूनियन की पांच फरवरी को मुंबई में बैठक होगी। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को होने वाली हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के बैंक समेत विदेशी और सहकारी बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे।
मंगलवार, 31 जनवरी 2017
07 फरवरी को नहीं होगी बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल
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