नयी दिल्ली 31 जनवरी, कालेधन पर प्रहार के उद्देश्य से की गयी नोटबंदी के बाद पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले मोदी सरकार बुधवार को अपनी तीसरा पूर्ण एवं ऐतिहासिक आम बजट पेश करेगी जिसमें हर वर्ग को खुश करने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था में तेजी बनाये रखने की बड़ी चुनौती होगी। रेल बजट भी 92 वर्ष बाद आम बजट हिस्सा बनेगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली कल मोदी सरकार का पूर्ण तीसरा बजट पेश करेंगे। पहले बजट 28 फरवरी को पेश करने की परंपरा थी, लेकिन मोदी सरकार ने बजट में की जाने वाली घोषणाओं को 01 अप्रैल से लागू करने के उद्देश्य से इसे करीब एक महीना पहले पेश करने की शुरुआत की है। इसमें रेल बजट को समाहित कर दिया गया है और अब अलग से रेल बजट पेश नहीं किया जायेगा। नोटबंदी के कारण हर वर्ग सरकार से बहुत उम्मीद लगाये हुये है। गरीब, किसान, उपेक्षित एवं नौकारीपेशा के साथ ही उद्योग जगत को भी इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। नौकरीपेशा लोग जहाँ आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी का सपना संजाेये बैठे हैं, वहीं किसानों को ऋण माफी एवं कृषि उपकरण तथा बीज सस्ता होने के उम्मीद है। गरीबों की हिमायती होने का दावा कर रही मोदी सरकार से इस वर्ग को सबसे अधिक तव्वजो देने का अनुमान जताया जा रहा है। नोटबंदी के कारण देश के आर्थिक विकास पर भारी दबाव है। सरकार ने इसकी वजह से अगले वित्त वर्ष में आर्थिक विकास 6.75 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया है। हालाँकि, इसके लिए उसने वैश्विक घटनाक्रम को भी जिम्मेदार ठहराया है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए तंत्र में तरलता बढ़ाने के साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपभोग में बढ़ाये बिना औद्योगिक गतिविधियों को रफ्तार नहीं दी जा सकती है।
मंगलवार, 31 जनवरी 2017
आम बजट कल, सबको खुश करने की चुनौती
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