फिरोजाबाद, 31 जनवरी, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में पांच विधानसभा सीटों पर चुनावी संग्राम के चलते राजनीतिक सरगर्मियां बढती जा रही हैं और इस संग्राम में समाजवादी पार्टी(सपा) महासचिव रामगोपाल यादव को अग्निपरिक्षा का सामना करना पडेगा। इस समय तीन विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा है वहीं सपा के विद्रोहियों और आपसी खींचतान में चुनावी नुकसान होने के आसार नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव शिकोहाबाद सीट से वर्ष 1993 में विजयी होकर मुख्यमंत्री बने थे। उनके साथ ही चारों विधानसभा सीटों पर सपा ने अच्छी जीत हासिल की थी जबकि वर्ष 1996 के चुनाव जसराना सीट पर सपा के रामवीर सिंह यादव ही जीत हासिल कर सके थे। वहीं, वर्ष 2002 के चुनाव में सपा ने चारों सीटों पर कब्जा कर लिया था। वर्ष 2007 के चुनाव में सपा को किसी सीट पर जीत नही मिल सकी थी। फिरोजाबाद सीट पर वर्ष 2009 में अखिलेश यादव सपा से लोकसभा का चुनाव जीत कर भारी मतों से विजयी हुए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद हुए उपचुनाव में डिम्पल यादव वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर के सामने हार का सामना करना पडा था। प्रो0 रामगोपाल यादव द्वारा फिरोजाबाद चुनाव में अपनी कर्मस्थली बनाकर अपने पुत्र अक्षय यादव के लिए राजनीतिक जमीन तैयार की गई। अक्षय यादव ने चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक पाली की शुरूआत फिरोजाबाद से की है।
रामगोपाल यादव और उनके बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद जिले की समाजवादी पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। बिना उनकी मर्जी के कोई पत्ता भी यहां नही हिल सकता है। सपा में चली खींचतान के बाद प्रो0 रामगोपाल यादव का पलडा भारी जरूर रहा है। उन्होंने विधानसभा के चुनावी मैदान में टुन्डला-शिकोहाबाद और जसराना से नये चेहरों को प्रत्याशी बनाया है जिससे पार्टी में बगावत के स्वर उठ रहे हैं। जसराना सीट से चार बार के विधायक और सैफई परिवार के रिश्तेदार रामवीर सिंह यादव का टिकट काट कर शिवप्रताप सिंह को सपा प्रत्याशी बनाया है। रामवीर सिंह यादव सपा से बगावत कर राष्ट्रीय लोकदल(रालोद) से चुनाव मैदान में आ गये हैं। शिकोहाबाद सीट पर ओमप्रकाश वर्मा विधायक का टिकट काटकर संजय यादव को नये चेहरे के रूप में चुनाव मैदान में पहली बार उतारा गया है। शिकोहाबाद सीट पर सैफई परिवार के रिश्तेदार शिकोहाबाद नगर परिषद चेयरमैन रामप्रकाश यादव भी बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड रहे हैं। टुन्डला सीट पर पुराने दावेदारों की उपेक्षा कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के पूर्व विधायक शिवसिंह चक्र को सपा ने प्रत्याशी बनाया है।
सपा के पूर्व विधायक मोहनदेव शंखवार तथा सत्यपाल वर्मा ने सपा से नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है, जिसकी वजह से सपा का वोटबैंक प्रभावित होने की संभावना है। वहीं सपा ने पहले महाराज सिंह धनगर को टून्डला से प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी। बाद में महाराज सिंह का टिकट कटने से नाराज धनगर समाज के मतदाता भाजपा के समर्थन में जा सकते हैं। सिरसागंज सीट पर जरूर वर्तमान सपा विधायक हरीओम यादव चुनाव लड रहे हैं लेकिन पार्टी के अन्दरूनी भितरघात के कारण उनकी स्थिति भी काफी कशमकश पूर्ण मानी जा रही है। जिले में रामगोपाल यादव की व्यक्तिगत पकड होने के कारण समाजवादी प्रत्याशियों के साथ उनकी अपनी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। इसके चलते वह रूठे हुए लोगों को मनाने के प्रयास में भी लगे हुए हैं। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी(भाजपा), बहुजन समाज पार्टी(बसपा) तथा राष्ट्रीय लोकदल(रालोद) प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को कडी टक्कर देने की स्थिति में हैं। जिसके चलते समाजवादी पार्टी की जीत आसानी से मिलने के आसार नजर नही आ रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें