नयी दिल्ली 16 फरवरी, दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित माता भगवंती चढ्ढा निकेतन ने मूक-बधिर बच्चों के लिए आज फोटो आधारित ऐप ‘वाक्य’ पेश किया जिससे विशेष तरह के दिव्यांगों के अनुरूप कस्टोमाइज्ड किया जा सकता है। निकेतन के 18वें वार्षिकोत्वस के मौके पर इस ऐप के साथ ही दिव्यांग बच्चों द्वारा निर्मित उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के लिए ‘स्वयं’ पोर्टल भी शुरू किया गया है। निकेतन के संचालक पोंटी चढ्ढा फाउंडेशन ने यहाँ कहा कि वाक्य को उन लाेगों के लिए विकसित किया गया है, जो बाेलने में सक्षम नहीं हैं या आॅटिज्म, सिरेब्रल पाल्सी और अन्य मानसिक एवं शारीरिक बीमारियों के कारण नि:शक्त हैं। इस एपे को उपयोगकर्ता की विशिष्ट जरूरताें के अनुसार, कस्टमाइज किया जा सकता है और इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होती है। इसका किसी भी भाषा में उपयोग किया जा सकता है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर नि:शुल्क उपलब्ध है। निकेतन में पढ़ने वाले बच्चों द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए स्वयं ई-पोर्टल शुरू किया गया है। संगठन ने कहा कि इसके जरिये होने वाली आय उन बच्चों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर दी जायेगी जो वे उत्पाद बनायेंगे। अभी ये छात्रा शादी कार्ड, पैकेजिंग उत्पाद, आॅफिस स्टेशनरी, पेपर बैग और अन्य गिफ्ट उत्पाद शामिल हैं।
गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017
मूक-बधिर के लिए आया ‘वाक्य’ ऐप
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