पटना 28 मार्च, झारखंड की राज्यपाल सुश्री द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि बिहार और झारखंड के बीच 17 वर्षों का विभाजन भी दोनों राज्यों के लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से नहीं बांट सका है तथा उनके बीच जीवंत संबंध अभी भी बरकरार है। राज्यपाल सुश्री मुर्मू ने यहां आद्री पटना के ..बिहार एवं झारखंड साझा इतिहास से साझा दृष्टि तक..विषय पर आयोजित पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यों के बीच भाषाई समरूपता पर बल दिया और कहा कि उनकी आकांक्षाएं एवं आर्थिक लक्ष्य समान हैं । खनिज संपदा से समृद्ध झारखंड और विस्तृत उपजाउ जमीन वाला बिहार अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए एक-दूसरे के पूरक हैं । राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक न्याय से रहित विकास को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आद्री द्वारा अपनी गतिविधियों का विस्तार झारखंड में भी करने की आवश्यकता बतायी और कहा कि इससे लोग गुणवत्तापूर्ण समाज और वैज्ञानिक अनुसंधान का लाभ ले सकेंगे । इससे पूर्व झारखंड सरकार के संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने समेकित रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड एवं उड़ीसा के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल, भूटान और बांग्लादेश को शामिल करते हुए महापूर्वांचल बनाने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से समृद्ध दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ मजबूत संपर्क के लिए कोलकाता, हल्दिया और पारादीप बंदरगाहों की सुविधाओं को उत्क्रमित किया जाना चाहिए। इस मौके पर बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार पटना विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में शोध सुविधाओं को और बेहतर करने जा रही है । आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और देश में अपने तरह का पहला सेंटर फॉर रिवर स्टडीज की भी शुरुआत होने जा रही है।
बुधवार, 29 मार्च 2017
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17 वर्षो के विभाजन के बावजूद बिहार-झारखंड सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से एक : द्रौपदी
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