माले महासचिव का बिहार दौरा 23 मार्च से आरंभ. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 मार्च 2017

माले महासचिव का बिहार दौरा 23 मार्च से आरंभ.

  • 23 मार्च को रोहतास और 26 मार्च को जमुई में सभा को करेंगे संबोधित

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पटना 22 मार्च, भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य का बिहार दौरा कल से आरंभ हो रहा है. वे आज शाम पटना पहुंच चुके हैं. माले महासचिव शहीद-ए-आजम भगत सिंह की शहादत दिवस के अवसर पर रोहतास के नासरीगंज में शहीद भाकपा-माले नेता काॅ. भैयाराम यादव व मणि सिंह की याद में निर्मित स्मृति द्वार का उद्घाटन व संकल्प सभा को संबोधित करेंगे. उनके साथ अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव काॅ. राजाराम सिंह व राज्य स्थायी समिति के सदस्य काॅ. संतोष सहर भी नासरीगंज का दौरा करेंगे. विदित हो कि इन दोनों माले नेताओं ने जनता के सवालों पर आंदोलन चलाते समय शहादत प्राप्त की थी. 26 मार्च को जमुई के स्टेडियम मैदान में भी सभा आयोजित है, जिसे माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य संबोधित करेंगे. बागमती बांध निर्माण पर रोक लगाने के सवाल पर भाकपा-माले, किसान महासभा व खेग्रामस का राज्यव्यापी प्रदर्शन दशकों पुरानी विनाशकारी बागमती बांध परियोजना पर बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन द्वारा किसानों व ग्रामीणों को लगातार धोखा दिए जाने के खिलाफ आज पूरे राज्य में भाकपा-माले, किसान महासभा व खेग्रामस ने विरोध दिवस मनाया. राजधानी पटना के पटना सिटी, पुनपुन, फतुहा, बिहटा, नवादा, मसौढ़ी, आरा, भागलपुर, जहानाबाद, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा आदि जगहों पर प्रतिवाद मार्च निकाले गये.


माले राज्य सचिव ने कहा कि दशकों पुरानी बागमती पर बांध को लेकर जन समुदाय में व्यापक आक्रोश है. लोग इस विनाशकारी परियोजना का लगातार विरोध कर रहें हैं और आंदोलन चला रहे हैं. आंदोलन के दबाव में प्रशासन पीछे हटता है, लेकिन अगले ही दिन फिर कहीं दूसरी जगह बांध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाता है. पिछले महीने बागमती बांध निर्माण कार्य को तत्काल रोकने, परियोजना का रिव्यू करवाने और वास-चास बचाओ, जमीन बचाओ-बागमती बचाओ संघर्ष मोर्चा के संयोजक जितेन्द्र यादव सहित कई आंदोलनकारियों पर लादे गए फर्जी मुकदमे को अविलंब वापस लेने के सवाल पर मुजफ्फरपुर में एक सप्ताह का सत्याग्रह चला था. आंदोलन के दबाव में जिला प्रशासन ने इन तीनों मसलों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन वात्र्ता में बनी सहमति से मुकरते हुए जिला प्रशासन ने कटरा प्रखंड के नवादा में बांध निर्माण के कार्य को जारी रखा. फिर से आंदोलनकारियों ने 9 मार्च को हजारों की संख्या में बेनीबाद में एनएच 57 का जाम किया और एक बार फिर से प्रशासन को पीछे हटने के लिए मजबूर किया. प्रशासन पीछे भी हटा, लेकिन अपनी पुरानी आदत के मुताबिक गायघाट के महेशवारा में बांध निर्माण का कार्य पुनः आरंभ कर दिया गया. 

इस रवैये के खिलाफ हजारों की संख्या में एक बार फिर से 19 मार्च को ग्रामीणों व किसानों ने प्रतिवाद किया. मामले को सुलझाने की बजाए प्रशासन ने उलटे आंदोलनकारियों पर कई तरह के फर्जी मुकदमे लाद दिए.  आगामी 22 मार्च को भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर से पूरे बिहार में राज्यव्यापी प्रतिवाद का आयोजन किया गया है. माले नेताओं ने कहा कि परियोजना की समीक्षा के रिव्यू कमिटी का गठन का सवाल बेहद न्यूनतम जनवादी मांग है, जिसे भी बिहार सरकार अनसुनी कर रही है. ऐसी स्थिति में फरक्का पर नीतीश के दिखावे और बागमती पर चल रहे आंदोलन पर खामोशी के सवाल को बौद्धिक जगत मे चर्चा का विषय बनाने हेतु पटना में आगामी 29 मार्च को एक जनसुनवाई का आयोजन किया गया है. जिसमें बागमती नदी के एक्सपर्ट, जल विशेषज्ञ और कई बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया गया है. जनसुनवाई में मुख्य रूप से सुप्रसिद्ध नदी विशेषज्ञ इंजीनियर दिनेश कुमार मिश्र, नदी विशेषज्ञ व सामाजिक कार्यकर्ता मानस बिहारी वर्मा, एनआईटी के पूर्व प्रोफेसर व जल विशेषज्ञ प्रो. संतोष कुमार, वाटर ऐक्टिविस्ट रंजीव कुमार, गंगा मुक्ति आंदोलन के ऐक्टिविस्ट अनिल प्रकाश, वाटर ऐक्टिविस्ट नारायण जी चैधरी और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव काॅ. धीरेन्द्र झा शिरकत करेंगे. यह जनसुनवाई चास-वास जीवन बचाओ, बागमती बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर के तहत आयोजित की गयी है.

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