झारखंड में सरहुल हर्षोल्लास के साथ संपन्न , अच्छी बारिश की भविष्यवाणी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 30 मार्च 2017

झारखंड में सरहुल हर्षोल्लास के साथ संपन्न , अच्छी बारिश की भविष्यवाणी


रांची 30 मार्च, झारखंड की राजधानी रांची समेत राज्य भर में प्रकृति पर्व सरहुल आज पूरे पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मनाया गया। प्रकृति पर्व सरहुल के मौके पर राजधानी रांची समेत प्रदेश के कई जिलों में भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी। रांची में निकाली गयी शोभायात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा में पुख्ता इंतजाम किये थे। पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना के साथ ही नृत्य -संगीत के साथ सरना आदिवासियों ने शोभायात्रा में हिस्सा लिया। राजधानी में सरहुल के विधान और घड़े में रखे जल की पद्धति को देखने के बाद प्रमुख पहान जगलाल पाहन ने इस साल अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी की। रांची के हातमा स्थित सरना स्थल पर प्रमुख पहान जगलाल पहान ने घड़े में रखे पानी को देखकर भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष खासकर उत्तरी दिशा में अधिक वर्षा होगी और अच्छी बारिश किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा।




स बीच रांची कॉलेज स्थित जनजातीय विभाग में भी आज प्रकृति पूर्व सरहुल पूरे धूमधाम से मनाया गयी। इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश पांडेय, रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। सरहुल पर्व के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने सभी से प्रकृति से प्रेम करने और प्रकृति को बचाने की अपील की। रांची शहर के विभिन्न अखाड़ों में आज सुबह सभी सरना स्थलों पर जनजातीय विधि-विधान के साथ पूजा.अर्चना की गयी और दोपहर बाद विभिन्न अखाड़ों ने भव्य शोभायात्रा में हिस्सा लिया। सरहुल पूजा को लेकर रांची और आसपास के अलग-अलग क्षेत्रों से सरना धर्मावलम्बी परंपरागत नृत्य और वेशभूषा के साथ शोभायात्रा के रुप में केन्द्रीय सरना स्थल सिरमटोली पहुंचे। मुख्य शोभायात्रा कांके स्थित हातमा सरना स्थल से निकाली गयी जो सिरमटोली सरना स्थल पहुंच कर संपन्न हो गयी। इस शोभायात्रा में हजारों की संख्या में जहां सरना आदिवासी शामिल हुए ,वहीं भव्य शोभायात्रा को देखने के लिए भी सड़क के दोनों ओर विभिन्न मकानों की छतों पर हजारों की संख्या में पुरुष एवं महिलाएं एकत्रित हुई थी। शहर में मुख्य शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान इस मार्ग पर और विभिन्न मुख्य सड़कों पर वाहनों का परिचालन बंद रहा।



इससे पहले उपवास और प्रार्थना के साथ प्रकृति पर्व सरहुल की शुरुआत हुई। इस दौरान सरना धर्मावलम्बियों की ओर से विभिन्न मौजा और सरना स्थलों में पाहन और पूजा में बैठने वाले सदस्यों ने उपवास के साथ सरना स्थलों की साफ-सफाई की। पाहन और उसके सहयोगियों ने जल स्रोतों में जाकर मछली और केंकड़ा पकड़ कर पूजन विधि की परंपरागत शुरुआत की।  सरना धर्मावलम्बियों की मान्यता है कि पूजन विधि के बाद खेतों में इनका समर्पण करने के बाद लहलहाते फसल की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। पूजा-अर्चना के बाद शोभायात्रा निकाली गयी। इस दौरान हजारों की संख्या में जनजातीय महिलाएं और पुरुष युवा-बच्चे एवं बुजुर्ग ढोल-बाजे के साथ नृत्य करते नजर आये। राजधानी रांची का मेन रोड सरहुल के मौके पर सरना झंडों से पटा नजर आया। दोपहर बाद सरहुल शोभायात्रा गुजरी।शोभायात्रा के दौरान प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारियों के नेतृत्व में जवानों की तैनाती की गयी थी। सीसीटीवी कैमरे से शोभायात्रा पर नजर रखी गयी। इसके अलावा ड्रोन कैमरे की भी सहायता ली गयी।

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