भारत-रूस के बीच कुडनकुलन के पांचवें, छठवें संयंत्र पर होगा करार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

भारत-रूस के बीच कुडनकुलन के पांचवें, छठवें संयंत्र पर होगा करार

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नयी दिल्ली 14 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी रूस यात्रा बेहद खास होगी और इस दौरान कुडनकुलम परमाणु परियोजना के पांचवें एवं छठवें संयंत्र के निर्माण के समझौते सहित अनेक महत्वपूर्ण करार होने की संभावना है। श्री मोदी एक जून को सेंटपीटर्सबर्ग इकॉनोमिक फोरम के शिखर सम्मेलन में भाग लेने रूस जायेंगे जिसमें भारत को मेहमान देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। वह रूस की इस पुरानी राजधानी में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। भारत और रूस के राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने के मौके पर हो रही यह यात्रा बेहद खास होगी। दोनों नेताओं ने इस विशेष अवसर पर भारत एवं रूस के अखबारों के लिये एक संयुक्त लेख लिखा है जिसके पाठ का आदान-प्रदान किया जा रहा है। समझा जाता है कि इस लेख के माध्यम से भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिये दोनों देशों का नेतृत्व प्रतिबद्धता व्यक्त करेगा। सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा के पहले नयी दिल्ली में अगले माह के मध्य में भारत रूस अंतर्सरकारी आयोग की बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता रूसी उपप्रधानमंत्री दिमित्रि रोगोजिन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त रूप से करेंगी। सूत्रों के अनुसार श्री रोगोजिन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री एवं रूसी राष्ट्रपति की शिखर बैठक की भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जायेगा । इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, निवेश एवं व्यापार के क्षेत्र में अहम करार होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार भारत एवं रूस के बीच रूस में तेल एवं प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में निवेश पर बातचीत चल रही है। इस बारे में कुछ बड़े फैसले होने की संभावना है। इसके अलावा रूस के सहयोग से स्थापित कुडनकुलम परमाणु परियोजना के पांचवें एवं छठवें संयंत्र की स्थापना पर करार होना लगभग तय है। भारत रूस द्विपक्षीय व्यापार को लेकर कुछ महत्वपूर्ण करार हो सकते हैं। दोनाें देशों ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब डॉलर तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। ईरान के बंदर अब्बास से बारास्ता अस्त्राखान, सेंटपीटर्सबर्ग तक माल परिवहन के अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे को खोलने के लिये दोनों देश आगे कदम बढ़ाने का विचार कर रहे हैं। सूत्रों ने श्री मोदी के कार्यक्रम के बारे में बताया कि वह एक जून को सेंटपीटर्सबर्ग इकॉनोमिक फोरम की बैठक में भाग लेंगे और अगले दिन फोरम से जुड़े अन्य कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों एवं बैठकों में हिस्सा लेंगे। बाद में उनका रूस का द्विपक्षीय दौरा शुरू होगा। दोनों नेता अपने संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग को लेकर कोई अहम घोषणा कर सकते हैं।

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