नयी दिल्ली ,07 अप्रैल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को चलाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई पदाधिकारी और राज्य संघ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) में बोर्ड की नुमाइंदगी के लिए चुनते हैं तो उन्हें इसके लिये पहले सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। बीसीसीआई ने सभी राज्य संघों को भेजे गये पत्र में कहा है कि नौ अप्रैल को बोर्ड ने दिल्ली में जो विशेष आम बैठक बुलाई है उसमें किसी भी फैसले को उनकी मंजूरी की जरूरत होगी। बीसीसीआई पदाधिकारी इस महीने के अंत में दुबई में होने वाली आईसीसी बैठक में श्रीनिवासन को बोर्ड का प्रतिनिधि बनाना चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों में बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने प्रशासकों की समिति से मुलाकात की है ताकि अपने अधिकारों के बारे में निश्चितता ला सकें। प्रशासकों की समिति ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देकर तीनों पदाधिकारियों को भी बता दिया है कि बोर्ड पदाधिकारी समिति की निगरानी और नियंत्रण की परिधि में काम करेंगे। श्रीनिवासन योग्यता के तीन बिंदुओं पर असफल पाये गये हैं। वह 70 वर्ष से ऊपर की आयु के हैं। वह बीसीसीआई तथा तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) दोनों में मिलाकर नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। श्रीनिवासन ने लोढा समिति की अनुसंशाओं के चलते पिछले वर्ष टीएनसीए के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बावजूद सीओए के साथ हुयी बैठक में बीसीसीआई पदाधिकारियों ने जोर देकर कहा कि राज्यों या बोर्ड पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है कि वह आईसीसी बैठक के लिये प्रतिनिधि का चयन न कर सके।
शनिवार, 8 अप्रैल 2017
सीओए ने श्रीनिवासन की वापसी के प्रयासों पर लगाया ब्रेक
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