चुनाव आयोग की टीम जम्मू कश्मीर जाएगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 24 अप्रैल 2017

चुनाव आयोग की टीम जम्मू कश्मीर जाएगी

election-commission-will-go-to-jammu-kashmir
नयी दिल्ली,24अप्रैल, जम्मू कश्मीर में अनतंनाग लोकसभा सीट का उपचुनाव फिर से टालने के राज्य सरकार के अनुरोध को देखते हुए स्थिति का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की एक उच्चस्तरीय टीम वहां जाएगी। गौरतलब है कि अनंतनाग सीट पर उपचुनाव 25 मई को होना है लेकिन पिछले दिनों नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान भारी हिंसा होने तथा इसमें नौ लोगों के मारे जाने को देखते हुए राज्य सरकार ने अनंतनाग का उपचुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग से फिर से अनुरोध किया है। आयोग की टीम जम्मू कश्मीर में अपने दो दिन के प्रवास के दौरान संबद्ध पक्षों से बातचीत कर हालात का जायजा लेगी। आयोग ने पहले अनंतनाग का चुनाव 12 अप्रैल को कराना तय किया था लेकिन श्रीनगर उपचुनाव में हिंसा को देखते हुए इसे 25 मई को करने का फैसला किया था। राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर फिर से अनुरोध किया है कि इस चुनाव की तिथि बढ़ा दे। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार के इस अनुरोध को देखते हुए स्थिति का फिर से जायजा लेने के लिए वहां अपनी टीम भेजने का फैसला किया है। गौरतलब है कि श्रीनगर उपचुनाव में मात्र सात प्रतिशत ही मतदान हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल काफ्रेंस के संयुक्त उम्मीदवार तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला विजयी रहे थे। इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके घाटी की कानून व्यवस्था से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि समस्या का समाधान टकराव से नहीं बल्कि सुलह से ही निकलेगा। इसके लिए घाटी में माहौल बातचीत के लायक बनाना होगा। पत्थरबाजी और गोलियों की आवाज के बीच कोई बातचीत नहीं हो पाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं: