मधुबनी : मानव संसाधन विश्व में सवसे बेशकिमती संसाधन है : शमशी। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 26 अप्रैल 2017

मधुबनी : मानव संसाधन विश्व में सवसे बेशकिमती संसाधन है : शमशी।

human-resource-asset
मधुबनी/अंधराठाढी। (मोo आलम) मानव संसाधन विश्व में सवसे बेशकिमती संसाधन है। तरक्की का मापदंड राजनिति नहीं शिक्षा होनी चाहिये । उक्त वाते शिक्षा विद मो रहमतुलाह समशी ने कही। वे गिदरगज गांव स्थित ईकरा ज्ञाण पब्लिक स्कूल के स्थापना दिवस के अवसर पर संवोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि हर व्यक्ति को साक्षर होना चाहिए । जवतक शिक्षित समाज नहीं होगा तव तक स्वस्थ्य समाज और सरकार की परिकल्पण नहीं की जा सकती । मो अबुल ओला ने कहा कि तकनिकी शिक्षा को अनिवार्य है । गांव के शिक्षित वेरोजगार युवको के प्रयाश से स्कूल संचालित किया जाता है। पच्चीस फिसद गरीव वच्चो को मुफत शिक्षा मुहैया कराती है। स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यालय निदेशक इं अबूल हसन ने वर्ग वाईज प्रथम छात्र छात्राओ को पुरस्कृत किया  । इस अवसर पर सानदार सुभा संगम नाईट सो का संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मैका पर स्थानीय  ,विणुदेव प्रसाद सिंह , पूर्व प्रमुख पति मो वसीम अहमद, हरिलाल, हाजी अब्दुल कलाम , मो जामिल, अबुल बरकत, मुकेश सिंह, मिना मिश्रा ,प्रधानाचार्य काशी झा ने मुख्य अतिथि को पाग दुपटटा पुपगुच्छ से सम्माणित किया ।   

कोई टिप्पणी नहीं: