मधुबनी : 19वीं सदी जैसा पंचायत , मूलभूत सभी सुविधाओं से वंचित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017

मधुबनी : 19वीं सदी जैसा पंचायत , मूलभूत सभी सुविधाओं से वंचित

  • जनप्रतिनिधि का सौतेला व्यवहार । विकास का कोई नामोनिशान नहीँ ॥

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मधुबनी (दिनेश सिंह) जहाँ बिहार सरकार हर गाँव को सड़क से जोड़ने का दावा करती है , वहीँ बिहार में एक ऐसा पंचायत है जहाँ सड़क का नामोनिशान नहीँ है । ये समस्या , मधुबनी जिला अन्तर्गत हरलाखी विधानसभा क्षेत्र के करहारा पंचायत का है।  जहाँ आज भी ग्रामीण सड़क के बिना जीवन यापन करने को मजबूर है । लगभग पंद्रह से बीस हजार आबादी वाले इस पंचायत का बुरा हाल धौंस नदी के कारण है । ये नदी पूरे पंचायत को चारो दिशाएं से घेर रखा है । पंचायत से बाहर निकलने के लिये धौंस नदी पर एक भी पुल नहीँ है । मजबूरन ग्रामीणों के द्वारा खुद चचरी का पुल निर्माण कर कूछ हद तक आवाजाही का साधन बना रखा है । चचरी के पुल से रोज़ सैकड़ो की संख्या में यात्री आवाजाही करते है । ग्रामीणों की माने तो चचरी पुल से गिरकर कई बच्चे की जान भी जा चुकी है । ग्रामीणों को स्कूल , कालेज , बजार या कहीँ भी बाहर जाना हो इसी चचरी पुल का सहारा लेना पड़ता है । ये पंचायत अनुमंडल से सिर्फ पाँच किलोमीटर की दूरी पर रहने के बाद भी यहाँ के निवासियों का जीवन सौ साल पहले जैसी है । सरकारी योजनाओं के लाभ एवं  पंचायत के विकास जैसी कोई भी कार्य यहाँ नहीँ हुआ है । अगर गाँव में आगलगी जैसी घटना होती है तो गाँव जलकर राख हो जाता है , क्योंकि अग्निशमन गाड़ी गाँव में नहीँ आ सकता । वहीँ किसी बीमार को बेहतर इलाज के लिये बाहर लें जाना हो तो खटिया का सहारा लेना पड़ता है ।  भीज्वल में आप साफ देख सकते है की चचरी पुल कितना खतरनाक है । इस पुल का नाम मौत का पुल रख दें तो कोई गलत नहीँ होगा । ग्रामीणों के द्वारा समय समय पर पुल निर्माण की माँग होती आयी है । आठ साल पहले मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आवेदन के द्वारा ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से पुल निर्माण की माँग की गई थी , जिसे मुख्यमंत्री ने पुल बनाने के लिये कूछ इन्जीनिर को भेजकर मिट्टी जाँच वगैरह भी की ।   मगर किसी कारणवश मुख्यमंत्री के सभी प्रयास विफल हो गया । ग्रामीणों का कहना है कि पुल के निर्माण में दो विधानसभा क्षेत्र पड़ता है , बेनिपट्टी एवं हरलाखी ।  बेनिपट्टी के विधायक भावना झा एवं हरलाखी के विधायक सुधांशु शेखर है । वहीँ यहाँ के सांसद हूकूमदेव नारायण यादव है । संयोग ही  है कि तीनो प्रतिनिधि भाजपा से है । ग्रामीणों का आरोप है कि इस पंचायत में यादव , मुशलमान , एवं ज्यादातर दलित समुदाय है । राजनीतिक पार्टी इसे राजद बेल्ट मानते हैं , इस कारण ही इस पंचायत का विकास भाजपा प्रतिनिधि नहीँ करते हैं । हमारे संवादादाता दिनेश सिंह ने , जब इस बाबत स्थानीय विधायक  सुधांशु शेखर से बात की तो उन्होंने राजद बेल्ट होने के कारण वहाँ विकास नहीँ करने वाली ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से खारीज कर दिया । उन्होंने कहा कि , मैने कई बार उस पंचायत का दौरा किया है । करहरा पंचायत बहुत ही पीछरा हुआ है ,वहाँ एक भी कार्य धरातल पर दिख नहीँ रहा है । वहाँ बहुत कार्य होना बाँकी है । हम भी चाहेंगे कि , जो हमारी योजना है , जो हमारी कार्य क्षेत्र है , उसपर कार्य करें । उन्होने धौंस नदी पर पुल बनने के सवाल पर कहा कि कोई भी काम एक दिन में नहीँ होता , पंचायत के विकास के लिये पुल का निर्माण ज़रूर होगा ।

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