नयी दिल्ली 07 अप्रैल, चुनाव आयोग को मध्यप्रदेश के भिंड में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) और मतदानी की पर्ची वाली मशीन (वीवीपैट) में किसी तरह की छेड़छाड़ का कोई सबूत नहीं मिला है। आंध्र प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी भंवर लाल के नेतृत्व में गयी जांच टीम ने भिंड के अटेर में ईवीएम और वीवीपैट में छेड़छाड़ की शिकायत की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है और उस रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी की कोई जानकारी नहीं दी गयी है। गौरतलब है कि 31 मार्च को अटेर में हुए उपचुनाव आम आदमी पार्टी और कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने ईवीएम और वीवीपैट में छेड़छाड़ और गड़बड़ी की शिकायत की थी और मीडिया में इस बारे में रिपोर्ट आयी थी। आयोग द्वारा आज शाम यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैलट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की तकनीकी जांच और घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों की मौखिक जांच एवं ईवीएम से प्राप्त डाटा से पता चलता है कि बैलट यूनिट के चार बटन दबाये गये थे, जिनमें दो बार राजू पाल के लिए बटन दबाये गये, जिनका चुनाव चिह्न हैंडपंप है और एक बार सत्यदेव पचौरी के लिए बटन दबाया गया, जिनका चुनाव चिह्न कमल है और एक बार बटन राजीव शुक्ला के लिए दबाया गया, जिनका चुनाव चिह्न पंजे का निशान है। आयोग ने कहा है कि जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कई बार बटन दबाने से कमल छाप की पर्चियां निकलने की शिकायत गलत है। आयोग का कहना है कि भिंड में जो ईवीएम डेमो में प्रयोग किया गया था, वह उत्तर प्रदेश से नहीं लाया गया था जबकि डेमो में जिस वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया, वह उत्तर प्रदेश से लाया गया था। आयोग का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश से वीवीपैट लाना नियमत: गलत नहीं है। उसने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट में किसी तरह की गड़बड़ी संदेह से परे है। आयोग का यह भी कहना है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी तरह की लापरवाही के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017
भिंड में ईवीएम और वीवीपैट में छेड़छाड़ का सबूत नहीं : चुनाव आयोग
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