नयी दिल्ली 11 अप्रैल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद तरुण विजय के बयान पर विपक्ष के बवाल पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह की सफाई से असंतुष्ट कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के लिये स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में शून्यकाल में श्री तरुण विजय के मीडिया में आये बयान को लेकर उत्तेजित कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने श्री विजय के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सफाई दी कि भारत एक सेकुलर देश है जहां जाति, धर्म एवं रंग के आधार पर कतई कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है। श्री सिंह ने कहा कि जिनके बारे में बात की जा रही है, वह इस समय संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं इसलिये उनका नाम नहीं लिया जा सकता। जहां तक श्री खड़गे ने देश के स्वरूप की बात की है तो वह स्पष्ट करना चाहेंगे कि भारत एक सेकुलर देश है जहां जाति, धर्म या रंग के अाधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कितनी ही बड़ी ताकत क्यों ना हो, उसे इस प्रकार के भेदभाव की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही श्री सिंह ने श्री तरुण विजय का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि जिस पूर्व सांसद की बात की जा रही है, उन्होंने अपने वक्तव्य में माना है कि उनका पूर्व का बयान किसी प्रकार से बचाव करने योग्य नहीं है। उन्होंने एक चैनल को इंटरव्यू में यह भी कहा है कि वह एक तमिल मां के दत्तक पुत्र हैं और संसद में 2015 के मानसून सत्र के दौरान एक प्लेकार्ड लेकर तमिल कवि तिरुवल्लुवरु के पथ पर चलने की बात कहते रहे हैं। इसलिये अब इस बात को उठाने का कोई औचित्य नहीं है। लेकिन श्री खड़गे सहित विपक्ष के नेता अपनी सीटों से उठकर आसन के पास आ गये और वी वांट एफआईआर के नारे लगा रहे थे। इस बीच शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कनाडा की ओंटारियो विधानसभा में 1984 के सिख दंगों पर पारित प्रस्ताव को विदेश मंत्रालय द्वारा खारिज किये जाने का मामला उठाया आैर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि श्री विजय ने तो माफी मांग ली है जिसे कांग्रेस मानने को तैयार नहीं है। पर कांग्रेस ने तो कभी माफी तक नहीं मांगी जबकि सिखों के हजारों बच्चों को टायर डाल कर जिन्दा जला दिया गया था। इस पर विपक्ष एवं सत्ता पक्ष के बीच तकरार बढ़ गयी। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की लेकिन कोई असर पड़ता ना देख, उन्होंने सदन की कार्यवाही 12:45 बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले श्री खड़गे ने कहा कि क्या श्री विजय देश को विभाजित करना चाहते हैं? सरकार उनका समर्थन कर रही है। संविधान के अनुच्छेद 15 में सबको समानता का अधिकार सुनिश्चित किया गया है लेकिन आप सबको बांटने का काम कर रहे हैं। एक बार सबका अपमान करने के बाद क्षमायाचना की है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। वह इस बयान की निंदा करते हैं। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर ऐसा जारी रहा तो देश के बंटने का खतरा पैदा हो जायेगा। उन्होंंने सरकार से कार्रवाई करने की मांग की और कहा कि कार्रवाई नहीं की गयी तो वह सदन के अंदर एवं बाहर दोनों जगह आंदोलन करेंगे। इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई में कांग्रेस के सदस्य खड़े होकर इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग करने लगे। श्री खड़गे ने कहा, “इस मुद्दे को अगर यहां नहीं उठा सकते, तो इसे मुझे और कहा उठाना चाहिये।” अध्यक्ष श्रीमती महाजन ने कहा, “वह शून्यकाल के दौरान विपक्ष के सदस्यों को इस मुद्दे को उठाने की इजाजत देंगी।” लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा, जिसे देखते हुये अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित कर दी।
सोमवार, 10 अप्रैल 2017
राजनाथ के बयान से असंतुष्ट विपक्ष का हंगामा, दो बार कार्यवाही स्थगित
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