मैत्रेय परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता : योगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

मैत्रेय परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता : योगी

reconsideration-of-the-maitreya-project-yogi
लखनऊ 21 अप्रैल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैत्रेय परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण के कारण इससे प्रभावित किसान इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं और किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की राय अवश्य ली जानी चाहिए। संस्कृति एवं लोक सेवा प्रबन्धन विभाग का प्रस्तुतिकरण के दौरान कुशीनगर जिले में चलायी जा रही मैत्रेय परियोजना का जिक्र आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता है, क्योंकि अनावश्यक भूमि अधिग्रहण के कारण इससे प्रभावित किसान इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इस परियोजना की संकल्पना एवं इसको लागू करने का तरीका ठीक न होने के कारण यह अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पायी है। किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की राय अवश्य ली जानी चाहिए। जहां तक सम्भव हो जिलों में मौजूद ऊसर, बंजर जैसी अनुपजाऊ भूमि का उपयोग परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की व्यापक समीक्षा करते हुए इस पर पुनर्विचार किया जाए और इसे रोक दिया जाए, क्योंकि इस परियोजना में शामिल ट्रस्ट ने 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आज तक इसे आगे बढ़ाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया।

कोई टिप्पणी नहीं: