तीन वर्षों में 1.37 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017

तीन वर्षों में 1.37 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी

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नयी दिल्ली 07 अप्रैल, सरकार ने कर अपवंचकों और मनी लांड्रिंग करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की आज चेतावनी देते हुये कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश में कालेधन के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की गयी है और इस दौरान 23064 छापे मारकर 1.37 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी का पर्दाफाश किया गया है। आयकर विभाग ने इस संबंध में आज यहां जारी बयान में कहा कि राजस्व विभाग के तहत विभिन्न एजेंसियों ने पिछले तीन वर्षों में देश में कालेधन को लेकर यह सफलता हासिल की है। बयान में कहा गया कि विभिन्न एजेंसियां कर चोरी करने वालों और मनी लांड्रिंग करने वालों के विरूद्ध आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई करेंगे ताकि उन्हें यह एहसास हो कि वे जो कर रहे उसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। पिछले तीन वर्षों में कुल मिलाकर 23064 छापे मारे गये जिनमें आयकर को लेकर 17525, सीमा शुल्क के लिए 2509 , केन्द्रीय उत्पाद शुल्क को लेकर 1913 और सेवाकर के लिए 1120 छापे मारे गये। इन छापों में 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी पकड़ी गयी जिसमें आयकर में 69434 करोड़ रुपये, सीमा शुल्क में 11405 करोड़ रुपये, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 13952 करोड़ रुपये और सेवा कर में 42727 करोड़ रुपये शामिल है। बयान में कहा गया है कि 2814 मामलों में आपराधिक कार्रवाई की गयी है और 3893 लोग गिरफ्तार किये गये हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लांड्रिंग के विरूद्ध कार्रवाई तेज करते हुये 519 मामले दर्ज किये और 396 स्थानों पर छापेमारी की। इन मामलों में से 79 में गिरफ्तारियां हुयी है और 14933 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गयी है। नवंबर 2016 से प्रभावी बेनामी निषेध कानून के तहत 245 बेनामी लेनदेन की पहचान की गयी है और 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये की संपत्ति की अस्थायी कुर्की की गयी है। बयान में कहा गया है कि नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने और इसकी पहचान करने के लिए कई उपाय किये गये हैं। इसी के तहत दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। पैन नंबर और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के साथ ही 50 हजार रुपये से अधिक राशि जमा करने के लिए पैन नंबर को आवश्यक बनाया गया है। बैंक खातों से पैन नंबर को जोड़ने को अनिवार्य बनाया गया है। इसके साथ ही अचल संपत्ति के हस्तातंरण में 20 हजार से अधिक की नकद राशि लेनदेन पर इतनी ही राशि का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त नोटबंदी के दौरान 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच बचत खातो में 2.5 लाख रुपये से अधिक और चालू खाते में 12.5 लाख रुपये के नकद जमा की रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाया गया है। बयान में कहा गया है कि फर्जी कंपनियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की गयी है और वर्ष 2013-14 से लेकर 2015-16 के दौरान आयकर विभाग ने 1155 फर्जी कंपनियों का खुलासा किया जिनका 22 हजार लाभार्थियों ने उपयोग किया। इन लाभार्थियों ने 13300 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेनदेन किये हैं।

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