पूरा कश्मीर भारत का: इसे लेकर कोई संदेह न करें: सुुषमा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

पूरा कश्मीर भारत का: इसे लेकर कोई संदेह न करें: सुुषमा

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सिर्फ जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी भारत का अभिन्न अंग बताते हुए आज कहा कि इसे लेकर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। श्रीमती स्वराज ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब द्वारा पाकिस्तान की ओर से गिलगित -बाल्टिस्तान को अपना पांचवा प्रांत बनाए जाने का एकतरफा फैसला लिए जाने पर चिंता जाहिर करने और इसके खिलाफ संसद में बाकायदा प्रस्ताव नहीं लाए जाने पर सवाल उठाने पर यह बात कही। श्रीमती स्वराज ने कहा कि पूरा कश्मीर भारत का है इसे लेकर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है कि पाकिस्तान के इस कदम पर भारत सरकार चुप बैठी है। उन्होंने कहा ‘जिस दिन पाकिस्तान में यह प्रस्ताव आया बिना समय गंवाए पांच मिनट के भीतर हमने इसे खारिज किया। संसद के दोनो सदनों का यह प्रस्ताव है कि पूरा कश्मीर हमारा है। पाक के कब्जे वाला हिस्सा भी हमारा है। यह सोचना गलत है कि हम कश्मीर के किसी हिस्से को जाने देंगे और पाकिस्तान को गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना प्रांत बनानें देंगे।’ विदेश मंत्री ने कहा ‘हमारा हमेशा से यह मानना है कि ‘जहां बलिदान हुए मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है। जो सारे का सारा है वह कश्मीर हमारा है।’ श्रीमती स्वराज ने कहा कि वह एक बार फिर से यह स्पष्ट कर देना चाहती हैं कि पाकिस्तान का गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपना प्रांत बनाए जाने का फैसला भारत को पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इससे पहले श्री मेहताब ने पाकिस्तान के हाल के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के विभाजन और कश्मीर के भारतीय संघ में विलय के बीच 1947-48 के दौरान एक ब्रिटिश अधिकारी ने मनमाने तरीके से गिलगित -बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का हिस्सा घोषित कर दिया था। आज पाकिस्तान उसी का लाभ उठाते हुए इस क्षेत्र को अपना पांचवा प्रांत बनाने की तैयारी कर रहा है। श्री मेहताब ने कहा कि क्या ऐसे में यह जरुरी नहीं है कि सरकार की ओर से इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी जाए और संसद में इसके खिलाफ बाकायदा एक प्रस्ताव लाया जाए। उन्हाेंने कहा कि सरकार इस पर चुप क्यों है जबकि ब्रिटेन की संसद तक पाकिस्तान के इस कदम को गलत बताते हुए प्रस्ताव पारित कर चुकी है।

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