पटना। सूबे में है सबसे बड़ा गिरजाघर कुर्जी पल्ली में। इस गिरजाघर का नाम है प्रेरितों की रानी ईश मंदिर। एक साथ 4 हजार की संख्या में बैठकर श्रद्धालु मिस्सा सुन सकते हैं। इस गिरजाघर में विभिन्न तरह की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा के नीचे अथवा बगल में चन्दा बॉक्स भी है। प्रतिमाओं से मांगने और मांग पूरी होने पर चन्दा दिया जाता है। रविवार के दिन मिस्सा समय में सामूहिक चन्दा संग्रह किया जाता है। इसके अलावे विशेष अवसरों पर उदारता से चन्दा देने की मांग की जाती है। मगर किसी तरह की हिसाब लोगों को नहीं दी जाती है। कुर्जी पल्ली के प्रधान पुरोहित फादर जोनसन का कहना है कि गिरजाघर में सीसीटीवी लग रहा है। इसके लिए लोगों को भरपूर सहायता करनी चाहिए। यहां के लोग चन्दा देते देते थक गये हैं। मिशनरी संस्थाओं में कार्यरत हैं। संस्था प्रमुख वेतन में इजाफा नहीं करते हैं। बिहार सरकार के द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी को ही आधार बनाकर अति कुशल, कुशल,अर्द्ध कुशल मजदूरों की श्रेणी बनाकर वेतन निर्धारित किया जाता है। वेतन बढ़ोतरी के विरूद्ध में आवाज उठाने पर कहा जाता है कि आपको सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी दे रहे हैं। खैर, पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा, येसु समाजी ने पटना महाधर्मप्रांत में मिस्सा और अन्य आघ्यात्मिक सेवाओं की दरें निर्धारित कर दी है। यह कहा गया कि पटना महाधर्मप्रांत के पुरोहितों, धर्मसंघि,संघनियों और लोकधर्मियों से परामर्श करने और उनसे काफी मनन -चिंतन के बाद महाधर्मप्रांत में मिस्सा-पूजा और अन्य आध्यात्मिक सेवाओं की दरों में संशोधन किया गया है।
दैनिक मिस्सा 100 रू.
विवाह संस्कार का मिस्सा
ग्रामीण इलाके में ( वर से 250 रू. और वधु से 250 रू.) 500 रू.
शहरी इलाके में (वर से 1000 रू. और वधु से 1000 रू.) 2000 रू.
बपतिस्मा संस्कार 100 रू.
बपतिस्मा, दृढ़करण,विवाह और दफन के प्रमाण पत्र 25 रू.
गाड़ियों पर आशिष
दो पहिया वाहन 200 रू.
चार पहिया वाहन 500 रू.
बस, ट्रक आदि वाहन 1000 रू.
भूमि पूजन
ग्रामीण इलाके में 200 रू.
शहरी इलाके में 500 रू.
कब्रिस्तान की रख-रखाव के लिए ( प्रत्येक परिवार प्रति माह ) 20 रू.
पास्ट्रल चन्दा ( प्रत्येक परिवार प्रति माह) 50 रू.
कुर्जी पल्ली पुरोहित और कुर्जी पल्ली परिषद के बीच में सांठगांठ जारी है। दोनों के परस्पर मिलाप से जन मानस के विरूद्ध निर्णय लिया जा रहा है। अब जन मानस को चर्च में सिर झुकाने की इजादत है। सिर झुकाने के बदले सिर उठाने वालों की हरकत दर्ज करने के लिए सीसीटीवी लगाने का प्रोग्राम है। चर्च में विवाही मिस्सा खत्म होने के बाद केक काटने की रस्म अदायगी गेट के बाहर किया जाएगा। गेट के बाहर ही विवाही भोज का लुफ्त उठाएंगे। इसके लिए भारी कीमत अदा करने की जरूरत पड़ेगी। कुर्जी पल्ली छोड़कर अन्य गिरजाघरों में इस तरह का घटिया निर्णय नहीं लिया गया है। इससे साबित होता है कि वर्तमान पल्ली परिषद जी हुजूरी करने में माहिर है। अथवा सदस्यगण उल्लू सीधा करने में लगे हैं।पल्ली पुरोहित से किसी तरह का प्रमाण पत्र लेने के पहले पल्ली परिषद के सदस्यों की अनुशंसा पत्र लाना जरूरी है। ऐसे निर्णय से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
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