गिरिडीह 14 मई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) और संथालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) संशोधन अधिनियम पर पुनर्विचार करने की सलाह को सिरे से खारिज करते आज कहा कि यह संभव नहीं है। श्री दास ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रशिक्षण शिविर के समापन के बाद पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए श्री मुंडा के सीएनटी और एसपीटी अधिनियम पर पुनर्विचार के सुझाव को खारिज कर दिया और रामायण की चौपाई का हवाला देते हुये कहा कि इन अधिनियमों पर सरकार रुख ‘प्राण जाये पर वचन न जाये’ की तरह है। मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के सरकार पर विधायकों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने के आरोपों पर नरमी बरतते हुये कहा कि सभी मंत्री एक निश्चित समय पर कार्यकर्ताओं की बात सुनेंगे और इसकी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि साथ ही उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक को भी इस सन्दर्भ में निर्देश दे दिये गये हैं। श्री दास ने इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल करने के श्री गिलुवा के बयान पर कहा कि अस्तित्वहीन लोगों से बात नहीं की जाती है। उन्होंने 12वें मंत्री बनाये जाने के सवाल पर कहा कि पत्रकारों को इसमें क्या परेशानी है। पत्रकार संविधान पढ़ें। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकत्रांत्रित पार्टी है और अन्य पार्टियों की तरह यहां परिवारवाद नही चलता है। कार्यक्रम में सांसद रवींद्र पांडेय, सांसद रवींद्र राय, विधायक निर्भय शाहाबादी, केदार हाज़रा और प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्रा उपस्थित थे।
सोमवार, 15 मई 2017

सीएनटी एसपीटी पर पुनर्विचार नहीं : रघुवर
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