पटना 25 मई, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने जूनियर डाॅक्टरों के हड़ताल पर जाने की वजह से पीएमसीएच में मची अराजकता की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हड़ताल की वजह से न्यूनतम 17 मरीजों की मौत हो चुकी है, और अगर सरकार तत्काल कोई कदम नहीं उठाती तो मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है. इमरजेंसी से ओपीडी तक अफरा-तफरी का माहौल मचा हुआ है और भीषण गर्मी में लोगों का धैर्य जबाव देने लगा है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं कि जूनियर डाॅक्टरों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवायें चरमरा गयी हैं, बल्कि अक्सर किसी न किसी बात पर जूनियर डाॅक्टर हड़ताल पर जाते रहते हैं और उसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. कभी डाॅक्टरों की संख्या की भारी कमी की वजह से जो थोड़े-बहुत डाॅक्टर हैं, लोगों के गुस्से का शिकार होकर हड़ताल पर चले जाते हैं तो इस बार पीजी मैट की काउंसेलिंग के दौरान हुए लाठीचार्ज व चार छात्रों की गिरफ्तारी के खिलाफ हड़ताल पर चले गये हैं. उन्होंने मेडिकल छात्रों पर लाठीचार्ज व गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और सभी छात्रों को रिहा करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में बिहार सरकार का रवैया संवेदनहीन है. उसे इन मामलों में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार का आपदा प्रबंधन नकारा साबित हो रहा है. आज से एनएमसीएच के जूनियर डाॅक्टर भी हड़ताल पर चले गये हैं. इससे स्थिति और संकटग्रस्त होगी.
गुरुवार, 25 मई 2017
जूनियर डाॅक्टरों की हड़ताल अविलंब समाप्त कराये सरकार: माले
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