राष्ट्र की नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल खतरनाक : राष्ट्रपति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 मई 2017

राष्ट्र की नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल खतरनाक : राष्ट्रपति

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नयी दिल्ली 02 मई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आतंकवाद के अभिशाप काे मौजूदा समय की सच्चाई बताते हुए आज कहा कि राष्ट्र की नीति के तौर पर इसका इस्तेमाल खतरनाक और निंदनीय है । श्री मुखर्जी ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एरदोगन और उनकी पत्नी एमिने एरदोगन के सम्मान में कल राष्ट्रपति भवन में दिये गये रात्रिभोज के मौके पर अपने संबोधन में आतंकवाद के अभिशाप को चुनौती बताते हुए कहा कि भारत और तुर्की दशकों से इसे झेलते आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि आतंकवाद को किसी भी हाल में न्यायाेचित नहीं ठहराया जा सकता है फिर चाहे इसका मकसद कुछ भी हो । राष्ट्रपति ने कहा ,‘ हमारा मानना है कि आतंकवाद के खतरे से असरदार ढंग से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बेहतर समन्वय और लगातार प्रयास करना जरूरी है तथा इसे अब और नहीं टाला सकता है । यह हमारे समाज के लिए बडा खतरा है । भारत हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है । जलवायु परिवर्तन के अभूतपूर्व खतरों को दूसरी वैश्विक चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे कम करने के वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए। राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जतायी कि भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले दस वर्षाें में कई गुना बढकर इस समय पांच अरब डालर पर पहुंच गया है । हालांकि दोनों देशों में परस्पर निवेश की और संभावनाएं हैं जिनका व्यापारिक समुदाय फायदा उठा सकता है ।

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