नयी दिल्ली-कोलकाता, 31 मई, नेताजी की मौत से जुड़े विवाद के बीच सरकार ने आज कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 1945 में एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया था। वहीं नेताजी के परपोते और भाजपा नेता चंद्र बोस ने नेताजी के निधन पर केंद्र सरकार के बयान को खारिज करते हुये उनके लापता होने के पीछे के सच का पता लगाने के लिये विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है। उधर कांग्रेस ने राजग सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि वह फिर से इतिहास लिखने की कोशिश कर रही है। कोलकाता के एक निवासी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि नेताजी की मौत की जांच करने वाली विभिन्न समितियों की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि नेताजी की मौत विमान हादसे में हुई । बहुत से लोगों का मानना था कि नेताजी इस हादसे में बच गये थे। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि शाहनवाज समिति, न्यायमूर्ति जीडी खोसला आयोग और न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग की रिपोर्ट पर विचार के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची कि विमान हादसे में उनकी मौत हो गई थी। उसने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि 1897 में पैदा हुये बोस ‘गुमनामी बाबा’ के भेष में रहे। मंत्रालय के जवाब में कहा गया, ‘‘मुखर्जी आयोग इस नतीजे पर पहुंचा कि गुमनामी बाबा: भगवानजी नेताजी सुभाष चंद्र बोस नहीं थे।’’ गृह मंत्रालय की वेबसाइट एमएचए.एनआईसी.आईएन और मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट की पृष्ठ संख्या 114-122 पर गुमनामी बाबा और भगवानजी के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
बुधवार, 31 मई 2017
मोदी सरकार ने माना बोस की मृत्यु 1945 में हुई
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