शराबबंदी ऐतिहासिक पहल, बिहार लिखेगा तरक्की की नई गाथा : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 जून 2017

शराबबंदी ऐतिहासिक पहल, बिहार लिखेगा तरक्की की नई गाथा : नीतीश

nitish supaul
सुपौल/किशनगंज 15 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में शराबबंदी को ऐतिहासिक पहल बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में भी इसे लागू करवाने का अनुरोध किया है। श्री कुमार ने आज सुपौल और किशनगंज में विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा,“शराबबंदी से समाज में व्यापक बदलाव आया है। शराबबंदी से एक तरफ जहां अपराध एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। वहीं, दूसरी ओर उपभोक्ता वस्तुओं जैसे दूध, फर्नीचर, मिठाई, कपड़ों की बिक्री में वृद्धि हुई है। पहले जो लोग शराब में अपना पैसा गंवाते थे, शराबबंदी के बाद उनका पैसा बच रहा है और लोग इन पैसों का उपयोग अपने जीवन की बेहतरी के लिए कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी से पूर्व लोग शराब पीकर आते थे और झगड़ा-झंझट करते थे, शराबबंदी के बाद घर का माहौल बेहतर हो गया है। लेकिन, अभी भी सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के जीवन में नेपाल और बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड से शराब लाकर कुछ लोग जहर घोलने का कार्य कर रहे है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो रही है। साथ ही कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। श्री कुमार ने कहा, “शराबबंदी से राज्य में बड़ा सामाजिक परिवर्तन आया है। अब हम शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर बढ़ रहे हैं। हमें नशामुक्त समाज बनाना है। यदि समाज नशामुक्त होगा तो बिहार को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। यदि शराबबंदी बिहार में सफल हो सकता है तो उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं सफल हो सकता है।”

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी की जिक्र करते हुए कहा कि त्रासदी के बाद यह तय हुआ था कि कोसी क्षेत्र का पुनर्विकास होगा, उसी कड़ी में कौशिकी भवन का निर्माण हुआ है। भवन का नाम ‘कौशिकी’ इसलिए रखा गया क्योंकि प्राचीन काल में कोसी को कौशिकी कहा जाता था। इस भवन में सभी प्रकार के कार्यालय चलेंगे। इसके अलावा कई प्रकार के अध्ययन वीरपुर से होने वाले हैं। अब बहुत सारी नदियों के अध्ययन के बारे में बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। वीरपुर से ही इस तरह के अध्ययन कराये जायेंगे। श्री कुमार ने सरकार की महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना की चर्चा करते हुए कहा कि सात निश्चय के अन्तर्गत हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर तक पक्की गली-नाली योजनाओं में विकेन्द्रीकृत तरीके से किया जा रहा है। आज जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया है, उसमें राजकीय पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण भी शामिल है। प्रदेश के लोगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, इसके लिए हर जिले में इंजीनियिरिंग कॉलेज, महिला पॉलिटेक्निक, जीएनएम कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज, सभी अनुमंडलों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और एएनएम कॉलेज, पांच नये मेडिकल कॉलेज और सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे है। मुख्यमंत्री ने समाज में बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी व्याप्त कुरीतियों की जिक्र करते हुए लोगों से बाल विवाह से बचने और अन्य को सचेत करने का आह्वान किया। उन्होंने बाल विवाह से होने वाले खतरों को गिनाते हुए कहा कि कम उम्र में गर्भधारण से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। बिहार में मनुष्य में नाटेपन की समस्या बढ़ रही है और इसका एक कारण बाल विवाह भी है। 

श्री कुमार ने कहा कि दहेज प्रथा भी एक गंभीर समस्या है। निचले तबके के लोगों में भी यह बीमारी फैल गई है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 02 अक्टूबर से बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध सशक्त अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि यदि किसी शादी में दहेज लिया गया हो तो आप शादी में मत जाइये। उन्होंने कहा कि हम तो समाज को बदलने के संकल्प के साथ काम करते हैं। विकासात्मक एवं कल्याणकारी काम भी हो रहे हैं। व्यवहार एवं आचरण में बदलाव आयेगा तो समाज तेजी से तरक्की करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नारी सशक्तिकरण की दिशा में अद्भुत काम हुआ है। बिहार में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए पद आरक्षित हैं। अभी नगर निकाय के प्रतिनिधि चुनकर आये हैं। निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन कहीं से 60 प्रतिशत तो कहीं से 70 प्रतिशत महिलायें चुनकर आई हैं, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। पुरुष और महिलायें साथ मिलकर काम करेंगे तो समाज बहुत आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि बिहार का माॅडल पूरे देश में अपनाया जायेगा तो देश बहुत आगे बढ़ जायेगा और चीन को भी पीछे छोड़ देगा। इसके पूर्व पाग एवं चादर भेंट कर श्री कुमार का स्वागत किया गया। समारोह को जल संसाधन तथा योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, ऊर्जा एंव वाणिज्यकर मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, बिहार विधान परिषद के उप सभापति हारूण रसीद, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह प्रभारी मंत्री सुपौल जिला अब्दूल गफ्फूर, उद्योग तथा विज्ञान प्रावैद्यिकी मंत्री जयकुमार सिंह ने संबोधित किया। 

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