पटना 12 जून, केंद्रीय बिजली, कोयला, खनन और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने देश में स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों को विस्तार देने की प्रतिबद्धता दुहराते हुये आज कहा कि बिहार सरकार राज्य में सौर ऊर्जा क्षेत्र का विकास करने के लिए जितने भी प्रस्ताव भेजेगी, केंद्र उसे मंजूरी देने को तैयार है। श्री गोयल ने अपने मंत्रालय के तीन वर्ष की उपलब्धियों का विवरण देने के लिए यहां आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग कार्यक्रम में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुये कहा, “सौर ऊर्जा क्षेत्र का विकास करने के लिए हमने सौर पार्क योजना शुरू की है। साथ ही सरकारी भवनों, कार्यालयों, विद्यालयों और अस्पतालों की छत पर सोलर रूफटॉप लगाने के लिए हम सब्सिडी भी दे रहे हैं। इसलिए, मैं चाहूंगा कि बिहार में इस क्षेत्र के विकास को और गति देने के लिए राज्य सरकार अधिक से अधिक प्रस्ताव भेजे, हम सभी प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए तैयार हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार घरों, कार्यालयों और औद्योगिक इकाइयों की छतों पर सौर ऊर्जा के रूफटॉप लगाने के साथ ही किसानों को बिजली की ऑफग्रेड देने के उद्देश्य से सौर पार्क स्थापित करने के जितने भी प्रस्ताव भेजेगी केंद्र सरकार उसे अवश्य मंजूरी देगी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार इस दिशा में दो कदम चलेगी तो केंद्र चार कदम आगे बढ़ने को तैयार है। उन्होंने कहा, “मैं बिहार सरकार से दरख्वास्त करना चाहूंगा कि वह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में और प्रस्ताव भेजें ताकि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर इस क्षेत्र के विकास को तेज गति प्रदान कर सके।”
श्री गोयल ने बिहार में विद्युत क्षमता विस्तार के बारे में पूछे जाने पर कहा, “बिहार बिजली की क्षमता का जितना विस्तार करना चाहता है हम उसके लिए संयंत्र लगाने को प्रतिबद्ध हैं लेकिन जबतक उन इकाइयों का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) नहीं होगा नये संयंत्र लगाने का कोई सार्थक अर्थ नहीं है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में विद्युत की इंस्टॉल क्षमता पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि बांका में 4000 मेगावाट क्षमता की अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना (यूएमपीपी) का काम चल रहा है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य भी जारी है। जब ये सभी कार्य पूरे हो जाएंगे तो इसके लिए कोयला ब्लॉक की भी पहचान कर ली गई है। श्री गोयल ने कहा कि बांका यूएमपीपी के लिए राज्य सरकार को पहले बिजली खरीद समझौते को सुनिश्चित करना होगा क्योंकि कुछ राज्यों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा, “यदि बिहार सरकार स्वयं बांका यूएमपीपी की बिजली लेने की सहमति दे दे तो हम काफी तीव्र गति से इससे जुड़े प्रत्येक कार्य की मंजूरी दे देंगे।” उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बिहार मेगा पावर लिमिटेड (बीएमपीएल) और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसीएल) के संयुक्त उपक्रम की बांका में बन रही इस 4000 मेगावाट क्षमता वाली अल्ट्रा मेगा पावर परियेाजना से उत्पादित कुल बिजली में से 50 प्रतिशत (2000 मेगावाट) बिहार को मिलेगी।
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