पटना 28 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी से लोगों के जीवन में खुशहाली बढ़ने का दावा करते हुए आज कहा कि हर धर्म और मजहब के लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं। श्री कुमार ने राजधानी पटना के अंजुमन इस्लामिया में जमीअत उलेमा-ए-हिन्द बिहार के तत्वावधान में आयोजित ईद मिलन समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश में मुस्तैदी से शराबबंदी लागू है। अब इसे नशामुक्ति की तरफ ले जाना है। उन्होंने कहा कि हर धर्म और मजहब के लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं। शराबबंदी सभी धर्म और मजहब के लोगों को जोड़ती है। प्रदेश में शराबबंदी का काफी सकारात्मक असर हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम पूरे समाज को नशामुक्त करना चाहते हैं। हम जब तक हैं, तब तक इस प्रतिबद्धता से डिगेंगे नहीं। सबको मिलकर इस पर काम करना है। सिर्फ सरकारी तंत्र से कामयाबी नहीं मिलेगी, सबका सहयोग जरूरी है। इस साल 21 जनवरी को नशामुक्ति अभियान के तहत बनायी गयी मानव श्रृंखला में चार करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया था जो शराबबंदी को लेकर लोगों की सोच बताता है। हर धर्म एवं मजहब के लोग इसमें शामिल हुये थे।” श्री कुमार ने कहा कि ईद का त्योहार प्रेम और भाईचारा का प्रतीक है। आज समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे काफी जरूरत है। समाज के लोगों के बीच आपस में प्रेम और भाईचारा का भाव रहेगा तो हमारा देश आगे बढ़ता रहेगा। हमें समाज में एकता और प्रेम का भाव बनाये रखना है।
श्री कुमार ने शराबबंदी के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे समाज में व्यापक बदलाव आया है। एक ओर जहां प्रदेश में अपराध की संख्या घटी है वहीं दूसरी ओर दुर्घटनाओं में भी काफी कमी आयी है। आज घर-घर का माहौल बदल गया। उन्होंने कहा कि शराब छोड़ने से लोगों की बचत में भी काफी इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, “शराबबंदी को लेकर हमेशा तर्क दिया जाता है कि इससे पर्यटकों की संख्या में गिरावट आयेगी। मैंने सबको यह साफ बताया है कि शराबबंदी के बाद बिहार में आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या में 68 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों की संख्या में नौ प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुयी है। बिहार में शराबबंदी के फायदे को देखते हुए आज हर जगह से शराबबंदी के लिये आवाज उठने लगी है जो बहुत बड़ी चीज है। श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में शराबबंदी के बाद अब समाज सुधार के लिये बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सशक्त अभियान चलायेगी। बिहार में नाटेपन की समस्या बढ़ रही है, जिसका एक प्रमुख कारण बाल विवाह है। इसी तरह दहेज पहले अमीर लोगों के बीच था, अब दहेज का प्रचलन सभी वर्गों में हो गया है। इससे समाज को मुक्ति दिलाना जरूरी है। उन्होंने लोगों से दहेज लेन-देन वाली शादियों में शामिल नहीं होने की अपील की। इस अवसर पर जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, महासचिव जमीअत उलेमा-ए-हिन्द मौलाना हुस्न अहमद कादरी, नाजिम एमारत-ए-शरिया मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी, विधायक श्याम रजक, पूर्व सांसद एजाज अली, पूर्व विधान पार्षद असलम आजाद, पूर्व विधान पार्षद गुलाम गौस सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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