लालू की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर सुशील मोदी का नया खुलासा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 14 जून 2017

लालू की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर सुशील मोदी का नया खुलासा

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पटना 13 जून, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)  बिहार विधान मंडल दल के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर आज एक नया खुलासा किया कि रेलवे के एक खलासी ने भी श्री यादव की बेटी हेमा यादव को करोड़ रूपये की जमीन दान में दे दी । श्री मोदी ने यहां जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री यादव के परिवार को जमीन दान देने वालों का सिलसिला अंतहीन नजर आ रहा है । उन्होंने कहा कि श्री यादव की पुत्री हेमा यादव को गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ललन चौधरी ने ही केवल 62 लाख रूपये की 7.75 डिसमिल जमीन दान में नहीं दी बल्कि उसी दिन रेलवे के कोचिंग कॉम्पलेक्स स्टोर राजेन्द्रनगर पटना में कार्यरत खलासी हृदयानंद चौधरी ने भी इतनी ही जमीन दान में दी । भाजपा नेता ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि सीवान के सियाढ़ी बड़हरिया के रहने वाले ललन चौधरी और गोपालगंज के उचकागांव थाना क्षेत्र के इटवा गांव निवासी हृदयानंद चौधरी ने एक ही दिन 29 मार्च 2008 को स्वर्गीय देवकी राय के दो पुत्र विशुनदेव राय और ब्रजनंदन राय से एक ही कीमत 4.21 लाख रुपये पर 7.75 डिसमिल जमीन पटना के दानापुर में खरीदी थी। इसके बाद ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी ने 13 फरवरी 2014 को दोनों जमीन श्री यादव की पुत्री हेमा यादव को दान में दे दी । 

श्री मोदी ने कहा कि उस समय 7.75 डिसमिल जमीन की कीमत 62 लाख 10 हजार रुपये थी और दोनों ने स्टांप ड्यूटी के तौर पर अलग-अलग छह लाख 28 हजार रुपया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा में जमा कराया था । उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह भी है कि ललन चौधरी के दानपत्र में हृदयानंद चौधरी और हृदयानंद चौधरी के दानपत्र में ललन चौधरी गवाह हैं । भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि श्री लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए जिनको नौकरी , ठेका या अन्य तरीके से मदद की उनसे सीधे जमीन लिखवा लिया । उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी जैसे लोगों का इस्तेमाल श्री यादव ने ..सेरोगेट मदर.. के रुप में किया, पहले जमीन उनके नाम लिखवाया और बाद में अपने परिवार के सदस्यों को दान करवा दिया । श्री यादव ने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि श्री यादव जब रेल मंत्री थे तब 2005 में हृदयानंद चौधरी की नियुक्ति खलासी के पद पर रेलवे में हुयी थी । उन्होंने कहा कि दान देने वाला दोनों व्यक्ति श्री यादव का कोई रिश्तेदार नहीं है बावजूद उसने इतनी कीमती जमीन दान में क्यों दी यह रहस्य है । भाजपा नेता ने कहा कि पटना शहर की अत्यंत कीमती जमीन जिसका उस समय मूल्य एक करोड़ 40 लाख रुपये था , उसकी कीमत आज पांच करोड़ रुपये से भी अधिक है । उन्होंने कहा कि दानपत्र में दान करने वालों का पैन नम्बर भी नहीं है जबकि इतनी कीमती जमीन बिना पैन नम्बर दिये बेची या दान नहीं की जा सकती है । 

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