गोरक्षा दल लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 15 जून 2017

गोरक्षा दल लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते : नीतीश

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दरभंगा 14 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में गोरक्षा दल बनाने वालों से आज सवालिया लहजे में कहा कि ये दल बिहार से अधिक उत्तर प्रदेश और झारखंड में सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते। श्री कुमार ने यहां दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में 229.12 करोड़ रुपये की 30 योजनाओं का लोकार्पण और 19 योजनाओं का रिमोट कंट्रोल के जरिये शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "हम तो गाय पालते हैं। बिहार से अधिक उत्तर प्रदेश और झारखंड में सड़कों पर लावारिस पशु घूमते रहते हैं। प्लास्टिक खाने से हजारों पशुओं की मृत्यु हो रही है। फिर गोरक्षा दल इन लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते। हमने तो मुख्य सचिव अंजनी कुमार को निर्देश दिया है कि राजधानी पटना की सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को गौशाला में रखकर उनकी देखभाल की जाये।" मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के लिए जनभागीदारी की अपील करते हुये कहा कि कुछ लोग भले गड़बड़ करें लेकिन अंततः वे पकड़े जायेंगे। उन्होंने कहा कि शराब की अवैध बिक्री में सहयोग देने में सरकारी तंत्र का हाथ रहता है। ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं। कल ही पता चला कि बक्सर में कोई सरकारी मुलाजिम शराब को इधर से उधर कराते थे। कल वे पकड़े गये और जेल भेजे दिये गये। सरकार अपना काम कर रही है लेकिन इतना बड़ा काम अकेले सरकारी तंत्र से नहीं होगा और इसके लिये जनभागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं कि दुनिया में शराबबंदी सफल नहीं हुयी, बिहार में कैसे होगी। इसका जवाब यह है कि यही तो मिथिला और बिहार की खासियत है कि जो कहीं नहीं हो सकता, वह यहां संभव हो सकता है। बाहर से आने वाले लोगों को बताइये कि उतर प्रदेष में भी शराबबंदी लागू कर दीजिये। यदि शराबबंदी बिहार में सफल हो सकती है तो उतर प्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं सफल हो सकती। 


श्री कुमार ने कहा कि लोग कहते थे कि बिहार में शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या में कमी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें केरल बुलाया गया था तो वहां उन्होंने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद घरेलू पर्यटकों की संख्या में वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2016 में 69 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों की संख्या में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। उन्होंने कहा कि सभी मजहब शराबबंदी के पक्ष में हैं। यह समाज में सद्भाव का प्रतीक है। शराबबंदी से सभी की भावना का सम्मान हुआ है। उन्होंने कहा कि सद्भाव एवं शांति का माहौल रहेगा तो राज्य को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पटना आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शराबबंदी को साहसिक कदम कहा था। उन्होंने कहा कि कम से कम भाजपा शासित राज्यों में तत्काल शराबबंदी लागू की जानी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अब शराबबंदी से आगे नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि वह बराबर कहते रहे हैं कि आप सचेत रहें और इस बात पर भी नजर रखें कि कहीं शराब छोड़कर लोग किसी दूसरे मादक पदार्थों का सेवन तो नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर जाने के लिये व्यापक अभियान चलाया गया। इस वर्ष 21 जनवरी को मानव श्रृंखला से इसकी शुरूआत हुयी। इसमें दो करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान था लेकिन चार करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि दरभंगा में भी जबर्दस्त भागीदारी हुयी और इसके लिये उन्होंने दरभंगवासियों को बधाई दी। श्री कुमार ने कहा कि अब राज्य सामाजिक सुधार की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ रहा हैं। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध महात्मा गांधी के जन्मदिन 02 अक्टूबर से सशक्त अभियान चलाया जायेगा। यह एक सामाजिक कुरीति है जो समाज को विनष्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में नाटेपन एवं स्टंटिंग की समस्या की बढ़ रही है, जिसका एक कारण बाल विवाह भी है। उन्होंने कहा कि जीविका समूह की महिलायें बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों को सचेत करें। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा समाज के कमजोर तबकों के बीच में भी बीमारी की तरह फैल रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार विकास की योजनाओं के साथ-साथ सात निश्चय की योजनाओं पर अमल करती है और कुरीतियों से भी लड़ती है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में व्यापक कार्य किये गये हैं। बिहार पहला राज्य है, जहां पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपके यहां बाहर से जो प्रवचन के लिये आते हैं तो उनसे कहिये कि पहले अपने यहां पचास प्रतिशत आरक्षण का लाभ महिलाओं को दें। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सात निशचय की सभी योजनाओं को चार साल में क्रियान्वित करना चाहती है ताकि बिहार का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि बिहार की जटिल समस्या पर केन्द्र को ध्यान देना चाहिये और अपने किये हुये वादे को निभाना चाहिये। श्री कुमार ने कहा कि देश में आनुपातिक दृष्टि से बिहार में युवाओं की संख्या सर्वाधिक है, जो राज्य की संपत्ति हैं। युवा आगे बढ़ेंगे तभी वह देश की तरक्की में अहम योगदान दे सकेंगे। सात निश्चय के तहत युवाओं के लिये आर्थिक हल, युवाओं का बल निश्चय लागू किया गया है। उनके लिये स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भता, रोजगार की तलाश करने वालों को कम्प्यूटर ज्ञान, भाषा और व्यवहार कौशल का ज्ञान उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट की दुनिया है, सभी सरकारी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है। युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये 500 करोड़ रुपये का वेंचर फंड बनाया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बाहर नहीं जाना पड़े, इसके लिये हर जिला में इंजीनियरिंग काॅलेज, महिला पाॅलिटेक्निक काॅलेज, जीएनएम काॅलेज, पारा मेडिकल काॅलेज, सभी अनुमण्डलों में आईटीआई और एएनएम काॅलेज, पांच नये मेडिकल काॅलेज के साथ ही सभी मेडिकल काॅलेजों में नर्सिंग काॅलेज आदि खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पटना में तारामंडल बन रहा था तो उसी समय कहा गया था कि दरभंगा और गया में भी तारामंडल बनाया जायेगा, इससे संबंधित सभी प्रक्रियायें पूरी हो चुकी है। जल्द ही काम शुरू होगा। तारामण्डल बनने से बच्चों के बीच वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। आज दरभंगा बाईपास बनकर तैयार हो गया और आज वह समर्पित हो गया। जिला योजना भवन, स्वास्थ्य से संबंधित अनेक योजनायें, प्रेस क्लब, पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन हुआ है। सात निष्चय के तहत नर्सिंग काॅलेज भवन डाॅ. भीम राव अंबेडकर छात्रावास, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास एवं प्रेक्षागृह तथा अलीपुर में ग्रीड पावर सब स्टेशन का भी आज शिलान्यास कराया गया है। उन्होंने कहा कि दरभंगा कला एवं संस्कृति की भूमि रही है। यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण प्रेक्षागृह होना चाहिये ताकि कलाकारों को ऐसा स्थल मिले, जहां वे अपनी कला का मंचन कर सकें। कार्यक्रम को वित मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, नगर विकास एवं आवास मंत्री सह प्रभारी मंत्री दरभंगा महेश्वर हजारी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डाॅ0 मदन मोहन झा तथा खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर जल संसाधन तथा योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत अन्य विधायक एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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