रांची 10 जुलाई, झारखंड में फर्जी निबंधन को रोकने के लिए सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री में निबंधन के लिए अब आधार कार्ड एवं पैन कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। राज्य के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी ने आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जमीन की खरीद-बिक्री में निबंधन के लिए अब आधार कार्ड एवं पैन कार्ड को अनिवार्य बनाये जाने की जानकारी देते हुये कहा कि सभी निबंधन कार्यालयों में ई-स्टाम्प की व्यवस्था की गयी है। टाना भगत को मुख्य धारा में लाने एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन किया गया है जिसके तहत चालू वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये की राशि का बजट उपबंध किया गया है। श्री बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के पक्ष में निष्पादित पचास लाख रुपये मूल्य तक की भूमि संपत्ति के विक्रय विलेखों पर (मात्र एक दस्तावेज में) एक रुपये टोकन राशि के रूप में मुद्रांक शुल्क लगने को मंजूरी प्रदान की है। यह सुविधा केवल झारखंड में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अब मानकी को 3000 रुपयेए मुण्डा-ग्राम प्रधान को 2000 रुपये एवं डाकुवा को 1000 रुपये प्रतिमाह की सम्मान राशि दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए विभाग ने देवघर हवाई अड्डा विस्तारीकरण परियोजना के तहत 437.70 एकड़ रैयती भूमि, 101.93 एकड़ सरकारी भूमि एवं 43.09 एकड़ गोचर भूमि हस्तांतरित कर दी है। साहेबगंज में बनने वाले गंगा पुल परियोजना के लिए 34.21 एकड़ सरकारी भूमि एवं 103.73 एकड़ रैयती भूमि को अधिग्रहित कर हस्तांतरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए हजारीबाग, दुमका और पलामू में 25.25 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी गई है।
सोमवार, 10 जुलाई 2017
झारखंड में भूमि निबंधन के लिए आधार और पैन कार्ड जरूरी
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