किसानों को लोन रिकवरी नोटिस नहीं भेजें बैंक : मुख्य सचिव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 8 जुलाई 2017

किसानों को लोन रिकवरी नोटिस नहीं भेजें बैंक : मुख्य सचिव

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रांची 08 जुलाई, झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने राज्य में कार्यरत बैंकों को किसानों से लोन की रिकवरी के लिए नोटिस नहीं जारी करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। श्रीमती वर्मा ने आज यहां विभिन्न विभागों की योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में इन विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिवों के साथ समीक्षा बैठक में सभी जिला उपायुक्तों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश देते हुए कहा कि अभी किसानों के लिये रोपनी का मौसम है , अनाज की उपज बेहतर होगी तो बैंकों का लोन भी चुकाया जा सकेगा। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा, “सभी उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि किसानों से लोन की रिकवरी के लिए बैंक द्वारा नोटिस निर्गत नहीं किया जाये।” मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य में 25 लाख किसानों को फसल बीमा योजना से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अब तक केवल 7.5 लाख किसानों ने ही बीमा करवाया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में शिविर आयोजित कर फॉर्म जेनेरेशन का कार्य संपन्न करवायें और हर हाल में 20 जुलाई तक बीमा का लक्ष्य पूर्ण किया जाये। 

श्रीमती वर्मा ने उर्वरक के नये लाईसेंस निर्गत नहीं करने की निर्देश देते हुए कहा कि किसानों तक खाद पहुंचे इसके लिये लिफ्टिंग प्वाइंट से लेकर थोक बिक्रेता एवं खुदरा विक्रेता तक की मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहे कृषक मित्रों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने निदेश दिया कि मान्यता प्राप्त स्कूलों की जांच प्रत्येक तीन माह में सुनिश्चित की जाये। इसके लिए एक रोस्टर बना लें ताकि फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त करने वाले स्कूलों की पहचान कर उनकी मान्यता रद्द की जा सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि अगले वर्ष होने वाली परीक्षाओं के केन्द्र किसी भी हाल में निजी स्कूलों में नहीं बनाये जाय एवं 75 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने वाले छात्रों को ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाय। उन्होंने साक्षरता को बढ़ाने के लिये प्रेरक की कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश देते हुए इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात कहीं। 

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