नयी दिल्ली, 28 अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने स्वयंभू बाबा आसाराम बापू के खिलाफ बलात्कार मामले की धीमी जांच को लेकर गुजरात सरकार से आज सवाल किए। न्यायमूर्ति एन वी रामन्ना और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया कि पीड़ित से अभी तक पूछताछ क्यों नहीं की गई। पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया और मामले की आगे की सुनवाई दीपावली के बाद के लिए स्थगित कर दी। न्यायालय ने 12 अप्रैल को गुजरात में निचली अदालत को निर्देश दिया था कि यौन हिंसा के मामले में सूरत की दो बहनों द्वारा आसाराम के खिलाफ दर्ज कराये गये मामले में अभियोजन के गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया तेज की जाये। न्यायालय ने सूरत की अदालत को निर्देश दिया था कि कथित बलात्कार की पीडितों सहित अभियोजन के शेष 46 गवाहों के बयान दर्ज किये जाएं। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज यौन हिंसा के दो अलग अलग मामलों में आसाराम को जमानत देने से इन्कार कर दिया था।
सोमवार, 28 अगस्त 2017
न्यायालय ने आसाराम के खिलाफ बलात्कार मामले की धीमी जांच के लिए गुजरात से पूछे सवाल
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