नयी दिल्ली,08 अगस्त, नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक (कैग) ने जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आवंटित कोष के इस्तेमाल में बड़ी अनियमतताएं होने का खुलासा किया है, वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक राज्य आपदा प्रबंधन प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) से खर्च हुए 1,369.16 करोड़ की राशि की लेखा जांच का हवाला देते हुए कैग ने कहा है कि आपदा प्रभाव कम करने के उद्देश्य से किए जाने वाले व्यय में से 25 प्रतिशत (342.43करोड़) को 'अयोग्य' कार्यों में लगाया गया, अधिक भुगतान करने और ऊंचे दाम पर सरकारी खरीद पर भी इसे खर्च किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत-संकटजनक स्थितियों और पिछले कुछ समय में कई आपदाओं की घटनाओं के बावजूद राज्य सरकार द्वारा आपदाओं के प्रभाव को कम करने और उसके लिए तैयार रहने के लिए उठाए गए कदम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे। सांस्थानिक व्यवस्थाओं, नीतियों और योजना निरूपन में कमियां रहीं साथ ही आपदा-पूर्व उपायों के क्रियान्वन में भी खामियां पाई गईं। कैग ने इस संबंध में राज्य में 2014 की बाढ़ के बाद हुई अव्यवस्थाओं का उदाहरण देते हुए अपनी रिपोर्ट ने कहा है कि राज्य को विशेष योजना सहायता (एसपीए) के तहत क्षतिग्रस्त अवसंचरना के पुन:निर्माण के लिए अक्टूबर 2014 में एक हजार करोड़ रूपये मुहैया कराये गये थे। इसमें से 4.66 करोड़ एसपीए की शर्तों का उल्लंघन करते हुए खर्च किए गए और 37.58 करोड़ रुपये उन कार्यों पर खर्च किए गए जो क्षतिग्रस्त अवसंचरना के पुन:निर्माण से संबंधित नहीं थे।
मंगलवार, 8 अगस्त 2017
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जम्मू कश्मीर में बाढ राहत में हुअा बड़ा घोटाला : सी ऐ जी
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