19-25 अगस्त तक बाढ़ राहत कोष संग्रह अभियान: कुणाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 19 अगस्त 2017

19-25 अगस्त तक बाढ़ राहत कोष संग्रह अभियान: कुणाल

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पटना, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार में प्रलंयकारी बाढ़ ने जन-जीवन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. लाखों लोग इससे प्रभावित हैं. अब तक सौ लोगों की मौत हो चुकी है. संकट की इस घड़ी में हम सब बाढ़ पीड़ितों के साथ हैं. उनके लिए हमारी पार्टी ने राहत कोष संग्रह अभियान चलाने का निर्णय किया है और अपनी तमाम जिला कमिटियों व जनसंगठनों को 19 से 25 अगस्त तक बाढ़ राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है. उन्होंने आगे कहा कि तमाम दावों के बावजूद सरकार का आपदा प्रबंधन इस बार भी असफल साबित हो चुका है. सरकार द्वारा किए जा रहे उपाय नाम मात्र के हैं. हमारी मांग है कि बाढ़ राहत कार्य को सरकार सर्वोपरि कार्यभार समझते हुए इसे युद्ध स्तर चलाया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र अथवा राज्य सरकार बाढ़ का स्थायी समाधान नहीं करना चाहती है. नीतीश कुमार फरक्का बांध को जिम्मेवार ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से भागते रहे हैं. अब केंद्र व पटना में उन्हीं की सरकार है, ऐसे में बाढ़ के स्थायी समाधान से नीतीश जी मंुह नहीं मोड़ सकते. 


एनजीओ घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की भी सीबीआई जांच हो
माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने एनजीओ खजाना घोटाले की सीबीआई जांच की तो अनुशंसा की है, लेकिन उसके राजनीतिक संरक्षण की जांच से मुंह चुरा लिया है. सीबीआई जांच में राजनीतिक संरक्षण व पूरे तंत्र को लाया जाना चाहिए, जो घोटाले के लिए मुख्य रूप से जिम्मेवार है. नीतीश सरकार टाॅपर घोटाले की तरह इसके महज आपराधिक पहलू और छोटी मछलियों को निशाना बना कर मामले की लीपापोती करना चाहती है. हमारी मांग है कि घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की सीबीआई जांच होनी चाहिए. भाजपा नेताओं द्वारा घोटालेबाजों को संरक्षण देने के स्पष्ट प्रमाण मिल रहे हैं. साथ ही, वित्त मंत्री सुशील मोदी के इस्तीफे पर सरकार ने अब तक चुपी कायम कर रखी है. सुशील मोदी को अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए.

लोजपा नेता कुद्दुश कुरैशी पर भाजपाइयों द्वारा जानलेवा हमला, रामविलास चुप क्यों?
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल व राज्य स्थायी समिति के सदस्य व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राज्य अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा है कि पश्चिम चंपारण के चनपटिया में लोजपा नेता व जैतिया पंचायत के मुखिया पति कुद्दुश कुरैशी पर भाजपाइयों द्वारा जानलेवा हमला और भीड़ द्वारा उनकी हत्या का प्रयास बेहद शर्मनाक है. उससे ज्यादा शर्मनाक यह है कि अपनी पार्टी के नेता पर जानलेवा हमले के बावजूद रामविलास पासवान ने एकदम चुपी साध रखी है. इससे साफ जाहिर होता है कि रामविलास पासवान जैसे तथाकथित दलितों के स्वंयभू नेता आज पूरी तरह भाजपा की गोद में खेल रहे हैं. माले नेताओं ने कहा कि जैतिया पंचायत के डुमरा में बाढ़ पीड़ितों के लिए 17 अगस्त को जब कुछ बाढ़ राहत सामग्री व दवा लेकर कुद्दुश कुरैशी गांव पहुंचे, तो उसी समय बगल के गांव पिपरा से चुहड़ी के ग्रामीण बैंक के मैनेजर बृजबिहारी पांडेय व विपिन पांडेय के नेतृत्व में बलवाइयों के एक जत्थे ने डुमरा पर हमला बोल दिया. यह अफवाह फैलायी गयी कि डुमरा में गाय का मांस काटा गाया था. उस वक्त कुद्दुश कुरैशी भी उसी गांव में थे, लोग़ उन पर टूट पड़े और उन्हें मारते-पीटते अधमरा कर दिया. बाद में प्रशासन आया. प्रशासन ने उलटे कुद्दुश कुरैशी को ही गिरफ्तार कर लिया और उनकी थाने में भी पिटाई की. प्रशासन व थाना प्रभारी पूरी तरह दंगाइयों-बलवाइयों के पक्ष में खडा दिखा. माले नेताओं ने कहा कि आज जब एक ओर पूरा चंपारण बाढ़ की भयावह चपेट में है, इस दुखद घड़ी में भी भाजपा के लोग दंगा फैलाने की योजना बना रहे हैं. भाजपाइयों ने अपने सहयोगी लोजपा के ही एक नेता को निशाने पर लिया है, जिनका अपराध बस इतना है कि वे मुस्लिम समुदाय से आते हैं. उन्होंने दंगाई मिजाज के थाना प्रभारी को तत्काल बर्खास्त करने और तमाम हमलावरों को अविलंब गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है.

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