मुंबई, 23 अगस्त, बम्बई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि तर्कवादी नरेन्द्र दाभोलकर और गोविन्द पंसारे की हत्या सुनियोजित ढंग से की गयी थी और अपराधियों को संगठनात्मक मदद मिली हुई थी। अदालत ने जांचकर्ताओं को अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए जांच को मौजूदा जांच से अलग तरह से करने को कहा है। न्यायाधीश एस सी धर्माधिकारी और विभा कानकानवाडी की खंडपीठ ने कहा दोनों हत्यों के बीच एक “स्पष्ट सांठगांठ” थी। रिपोर्ट में कहा गया कि यह स्पष्ट रूप से एक या दो छिटपुट घटना नहीं है। कुछ संगठनों को उनको समर्थन प्राप्त था और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की गयी। इन दोनों घटनाओं को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था। गौरतलब है कि सीबीआई ने 2013 में दाभोलकर हत्याकांड के संबंध में सारंग अकोलकर और विनय पवार की पहचान की थी लेकिन पुलिस अब भी दोनों की तलाश रही है। अदालत ने कहा आज के दौर में किसी का इतने लंबे समय तक छिपे रहना असंभव है। अदालत ने नये तकनीक,बैंक लेन-देन और एटीएम की सहायता से इन आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के आदेश दिये। खंडपीठ ने दोनों जांच एजेंसियों को 13 सितंबर को अगली सुनवाई तक नई प्रगति रिपोर्ट प्रस्तु करने का निर्देश दिया है।
गुरुवार, 24 अगस्त 2017
दाभोलकर और पंसारे की हत्या योजनाबद्ध थी: उच्च न्यायालय
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