नयी दिल्ली, 10 अगस्त, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार जल्द ही नयी जैव ईंधन नीति बनाने वाली है जिसके तहत सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियाँ इससे जुड़े अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर दो अरब डॉलर खर्च करेंगी। श्री प्रधान ने यहाँ एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि अनुसंधान एवं विकास पर निवेश तीनों सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के माध्यम से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार नयी जैव ईंधन नीति लाने वाली है जिसे जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए रखा जायेगा। इसमें इस क्षेत्र में निवेश, सरकार की भूमिका, इसके लिए दिये जाने वाले प्रोत्साहन आदि के प्रारूप तय होंगे। मंत्री ने बताया कि अनुसंधान एवं विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा रक्षा विभाग की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड और विदर्भ के इलाके के साथ झारखंड की ऐसी बंजर जमीन जहाँ पारंपरिक फसलों की खेती संभव नहीं है, उनका उपयोग जैव डीजल देने वाली फसलें उगाने के लिए किया जा सकता है। वैज्ञानिक ऐसी फसलों की किस्में तैयार करेंगे जो बंजर जमीन पर भी आसानी से उगाई जा सकें। श्री प्रधान ने कहा कि मौजूदा समय में देश की जरूरत का 80 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन (पेट्रोलियम उत्पाद) आयात किया जाता है। सरकार ने 2022 तक आयात पर निर्भरता 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है। इसमें जैव ईंधनों की भूमिका अहम होगी।
गुरुवार, 10 अगस्त 2017
जैव ईंधन से जुड़े आरएंडडी पर दो अरब डॉलर खर्च करेंगी सरकारी कंपनियाँ
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें