बिहार में जैविक सब्जी की खेती करने वालों को मिलेगा अनुदान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 13 अगस्त 2017

बिहार में जैविक सब्जी की खेती करने वालों को मिलेगा अनुदान

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पटना 13 अगस्त, बिहार में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील सरकार ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुये आज कहा कि जैविक सब्जी की खेती करने वालों को अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की कल हुई समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जैविक काॅरिडोर में गंगा के दोनों किनारे बसे गांवों तथा दनियावां से बिहारशरीफ तक जैविक सब्जी को बढ़ावा देने के लिए वृहत्त कार्यक्रम क्रियान्वित की जाये। साथ ही उन्होंने सब्जी की खेती के लिये फसलवार डिसमिल के अनुसार सब्जी की लागत के अनुरूप अनुदान की व्यवस्था करने और इसके लिए योजना बनाने के निर्देश दिये। श्री कुमार ने कहा कि प्रथम चरण के तहत जैविक काॅरिडोर में जैविक सब्जी को बढ़ावा देने के साथ ही धीरे-धीरे पूरे राज्य को जैविक बनाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को फसलवार विशेषकर सब्जी के लिए समय-समय पर सलाह उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को अभियान चलाकर लागू किया जाये तथा जहां मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, उन स्थानों की मिट्टी को उर्वर बनाने के लिए क्षेत्रवार विश्लेषण किया जाये। मुख्यमंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्रों में मिनी कोल्ड स्टोरेज के प्रत्यक्षण के रूप में स्थापित कर इसकी उपयोगिता के बारे में किसानों को बताने, जैव कीटनाशी के रूप में गो मूत्र तथा सिटी कम्पोस्ट को बढ़ावा देने, नगर विकास विभाग द्वारा प्रायोजित सिटी कम्पोस्ट उत्पादन का उपयोग किये जाने, जैविक प्रमाणीकरण के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय को प्रमाणीकरण एजेंसी के रूप में कार्य करने पर विचार करने के निर्देश दिये। 


श्री कुमार ने कहा कि नीरा का बॉटलिंग से जुड़े अनुसंधान कार्य बिहार कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान महाविद्यालय नूरसराय, नालंदा में कराकर शीघ्र उत्पादन के लिए नीरा उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने पपीता, चिनिया केला तथा अमरूद के स्थानीय किस्मों को बढ़ावा दिये जाने तथा विश्व बैंक द्वारा संचालित कोसी बेसिन परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिये उत्पादन के लक्ष्य को राष्ट्रीय उत्पादन के अनुरूप लक्ष्य प्राप्ति में आवश्यक योजनाओं का प्रारूप तैयार कर क्रियान्वयन किये जाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने अंडा उत्पादन में आवश्यक वृद्धि करने के लिए व्यापक स्तर पर निजी क्षेत्रों के सहयोग से अधिक से अधिक संख्या में हैचरी एवं लेयर फार्म स्थापित करने को कहा। श्री कुमार ने मत्स्य पालकों की आय में अपेक्षित वृद्धि करने के लिए आवश्यक प्रयास किये जाने पर बल देते हुये कहा कि मत्स्य संघ बनाने के लिए जिला सतर पर भी यूनियन बनाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बोरिंग पम्प सेट योजना के लिये तालाब क्षेत्र का मानक जो वर्तमान में 0.5 एकड़ किया गया है को जांच के बाद इसके निर्धारित मानक को कम से कम कर दिया जाएगा। कोसी एवं अन्य क्षेत्रों में प्रयोग करके ही इसका मानक निर्धारित होगा ताकि मत्स्य कृषकों के तालाब में हमेशा जल उपलब्ध हो सके। बैठक में महिला सशक्तिकरण के लिए अलंकारी मछली पालन की योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा गया। 


मुख्यमंत्री ने पशु कल्याण एवं पशु क्रूरता निवारण के उद्देश्य से पशुओं के रखरखाव के लिये गोशालाओं को अनुदान की राशि की व्यवस्था विभाग स्तर पर किये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पटना स्थित श्रीकृष्ण गोशाला को माॅडल गोशाला की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने गोशालाओं में तैयार हो रहे सांढ़ का उपयोग किस रूप में किया जा रहा है की निगरानी करने तथा पायलट परियोजना के रूप में राज्य के छह जिलों नालंदा, भोजपुर, बक्सर, सारण, गोपालगंज एवं गया में सॉर्टेड सीमेन योजना के कार्यान्वयन के बाद परिणामों का आकलन कर ही अन्य जिलों में इसका विस्तार किये जाने का निर्देश दिया। श्री कुमार ने पूर्वोत्तर राज्यों में कम्फेड की टेट्रा पैक दूध बिक्री की सराहना करते हये कहा कि आंतरिक बाजार में छोटे पैक में मिल्क पाउडर एवं उतर-पूर्वी राज्यों में टेट्रा पैक के बाजार विस्तार करने के प्रयास किये जाये। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि बिहारशरीफ डेयरी परियोजना का अधिक उपयोग करने के उद्देश्य से वर्ष 2016-17 में हिमाचल प्रदेश के एचपीएमसी के लिये फ्रूट जूस पैक किये गये। आनेवाले वर्षों में वहां छोटे टेट्रा पैक में छाछ, लस्सी, फ्लेवर्ड मिल्क फ्रूट जूस एवं अन्य उत्पाद जैसे बोतलबंद पानी, सलील सुधा के नाम से लाने की योजना है। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की सचिव एन. विजयलक्ष्मी, कम्फेड की प्रबंध निदेशक सीमा त्रिपाठी सहित कृषि तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

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