पटना : पटना नगर निगम का 29 वार्ड - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 9 अगस्त 2017

पटना : पटना नगर निगम का 29 वार्ड

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पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल में है 29 वार्ड। इसी में है वार्ड नम्बर-27। कुल वोटरों की संख्या है 23 हजार 380। यह वार्ड ऐतिहासिक स्थलों से पटा है। इस वार्ड में अवस्थित है ऐतिहासिक गांधी मैदान, गोलघर और जादूघर। हां, इस तरह के ऐतिहासिक स्थालों के गरीमा बरकरार रखने का दायित्व है वार्ड पार्षद को। इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया है पूर्व वार्ड पार्षद श्री कृष्ण मुरारी यादव ने। अब भूतपूर्व श्रीकृष्ण मुरारी हो गये। अब वर्तमान नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद रानी कुमारी के मजबूत कंधे पर जिम्मेवारी है। पटना नगर निगम बोर्ड में 75 वार्ड पार्षद हंै। वार्ड पार्षद को चाहिए कि वार्ड नम्बर-27 के तमाम लोगों से सहयोग लें और अपने स्व-विवेक से वार्ड नम्बर-27 को उच्च शिखर तक पहुंचा दें ताकि यह वार्ड ‘आदर्श वार्ड’ बन सकें। यहां पर बहुत ही चुनौती है, खासकर स्लम एरिया को विकसित करना है। स्मार्ट सिटी के तहत चीनाकोठी में आलिशान भवन बनना है।  हां, छज्जूबाग, एसके मिमोरिएल के पीछे और अंटाघाट स्लम छूटे रह जाएंगे। यहां पर साक्षरता दर कम है। इनको साक्षरकर विकास के मार्ग पर अग्रसर करवाना है। इस वार्ड में दलित अधिक है। इसके कारण अनुसूचित जाति क्षेत्र घोषित है। 


यह चीनाकोठी नामक स्लम एरिया है। यहां पर गोपाल बिन्द मिलते हैं। दुआ सलाम होने के बाद कहते हैं कि प्रलयकारी 1975 बाढ़ के बाद बिहार राज्य आवास बोर्ड ने नेहरू नगर, चीनाकोठी, बहादुरपुर में एक-एक कमरे का मकान बनाया था। सारी औपचारिकता निर्वाह करने के बाद 1976 में बोर्ड ने पर्चा निर्गत किया। पर्चा तो हाथ में मिला परन्तु मकान किसी और के हाथ में चला गया। अवैध ढंग से मकान कब्जाने वाले के खिलाफ जंग जारी है। गोपाल बिन्द कहते हैं कि जंग लड़ते-लड़ते बाबूजी रामाशीष बिन्द परलोक सिधार चुके। उनके बाद अधूरे कार्य को अंजाम देने में लग गये हैं। यह देखें माननीय उच्च न्यायालय,पटना में दायर वाद संख्या-सी.डब्ल्यू.जे.सी. संख्या-14411/2013 में दिनांक 27.01.2015 को माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश के अनुपालन में प्रबंध निदेशक, आवास बोर्ड द्वारा पारित आदेश। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सुनवाई हुई कार्रवाई करते हुए दिनांक 17.03.2015 को 3ः30 बजे तिथि एवं समय निर्धारित की गयी। उक्त तिथि को याचिकाकत्र्ता (गोपाल बिन्द ) उपस्थित हुए एवं अपना पक्ष रखा। उन्होंने उक्त तिथि को बताया कि उनके पिताजी स्व. रामाशीष बिन्द के नाम से मंदिरी, पटना स्थित बेघरों का घर संख्या-38 का आवटन किया गया है। यह आवटन वर्ष 1976 में हुआ है। यह भी बताया कि उनके द्वारा नियमित रूप से निर्धारित रकम आई.डी.वी.आई. बैंक,पटना के खाते में जमा कराया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को वितरित पत्र की मूल प्रति दिखाने को कहा गया। उक्त आलोक में याचिकाकत्र्ता के द्वारा दिनांक 20.03.2015 अभ्यावेदन के माध्यम से सूचित किया गया कि उनके द्वारा रिट याचिका में संलग्नक के रूप में लगायी गई है। मृत्यु प्रमाण-पत्र जो उनके पिताजी रामाशीष बिन्द की मूल काॅपी एवं उनके जीवन काल में प्रस्तुत आवेदन की मूल काॅपी जो रिट याचिका के संलग्न का हिस्सा है प्रस्तुत किया गया है। 

इसी संदर्भ में बोर्ड के कार्यपालक अभियंता,पटना प्रमंडल-2 के द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है एवं बताया गया कि पटना में बाढ़ से क्षतिग्रस्त समाज के कमजोर वर्ग के लिए निर्मित एक कमरे वाले मकान संख्या-38 का आवटन रामाशीष बिन्द पिता चरित्र बिंद, मंदिरी बेघरों के गोलघर के पीछे पटना के नाम से बोर्ड के पत्रांक-8136/आ. दिनांक 11.11.1976 द्वारा किये जाने का उल्लेख है। आवटन पत्र प्रमंडलीय कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। उक्त मकान का आवटन पश्चात एकरारनामा करने हेतु श्री बिन्द कोे प्रमंडल कार्यालय से कई पत्र प्रेषित किया गया। अंतिम पत्रांक 893 दिनांक 28.03.2000 के द्वारा स्मारित किया गया है। परन्तु श्री बिन्द द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है। यह भी बताया कि प्रमंडलीय लेजर के अनुसार उक्त मकान के विरूद्ध कोई राशि जमा नहीं है। याचिकाकत्र्ता के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में यह वाद भी रामाशीष बिन्द को मंदिरी स्थित आवंटित बेघरों का घर का मकान संख्या-38 का दखल-कब्जा एवं आवटन/नामांतरण उनके नाम से करने से संबंधित है। याचिकाकत्र्ता के द्वारा रामाशीष बिन्द का मृत्यु प्रमाण-पत्र जमा किया गया है। बिहार राज्य आवास बोर्ड के कार्यालय आदेश संख्या- 3569 दिनांक 27.04.2009 के द्वारा आवेदक की मृत्यु होने पर उनके वैधिक उत्तराधिकारी के नाम पर नामांतरण किये जाने हेतु दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। संपदा के पूर्ण विवरण के साथ नामांतरण हेतु आवेदन पत्र। अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत पारिवारिक सूची की मूल प्रति। बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन का शपथ-पत्र एवं इन्डमिनिटी बाॅण्ड। अन्य उत्तराधिकारी द्वारा बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रपत्र में अनापत्ति शपथ-पत्र की मूल प्रति। इन्डमिनिटी बाॅण्ड एवं शपथ-पत्र पर तत्समय लागू प्रावधानानुसार स्टाम्प लगाया जायेगा। उक्त कागजातों को प्रस्तुत किये जाने एवं उसकी वैधता की जांच किये जाने एवं पूर्ण बकाया राशि जमा किये जाने के बाद नामांतरण की कार्रवाई की जाती है। याचिकाकत्र्ता को निर्देश दिया जाय कि वे नामांतरण हेतु वांछित कागजात जमा करें। उन्हें अध्यतन बकाया राशि जमा करने एवं नामांतरण हेतु सभी कागजात वैध पाये जाने के उपरांत नामांतरण किया जाय एवं मकान संख्या-38 पर दखल-कब्जा प्राप्त करा दिया जाय। इसी आदेश के साथ याचिकाकत्र्ता का अभ्यावेदन निस्तारित किया जाता है। संभी संबंधित को आदेश की प्रति प्रेषित कर दी जाय। ज्ञापांक संख्या-5671 पटना 03.09.2015 प्रबंध निदेशक। आगे कहा कि पर्याप्त जानकारी और राशि नहीं रहने के कारण वाजिब कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।


इस वार्ड में सामुदायिक भवन नहीं है। सामुदायिक भवन बनवाने की जरूरत है। पेयजल की समस्या है। आरंभ में वार्ड में तीन जलापूर्ति केन्द्र था। न्यू पुलिस लाइन और गोलघर पार्क में निर्मित (2 ) फेल कर गया है। देवी स्थान में निर्मित जलापूर्ति केन्द्र से दूषित पानी गिरता है।  इस वार्ड की पार्षद रानी कुमारी हैं दलित। उन्होंने पिछड़ी जाति के चंदन कुमार से विवाह की हैं। दलित पार्षद कहती हैं कि 1952 में पेयजल पाइप का समायोजन किया गया था। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया। कई जगहों में पाइप कटछट जाने के कारण पेयजल दूषित हो जाता है। सुबह में 6 से 10 बजे तक, साढ़े ग्यारह से एक बजे तक, साढ़े तीन से छः बजे तक और रात्रि साढ़े सात से 9 बजे जलापूर्ति करने का समय निर्धारित है। आपूर्ति करने के बाद ही दूषित और महकता जल मिलने लगता है। खैर, यह पानी पीने से महामारी का रूप धारण नहीं किया है। मगर संभव है कि ऐसा हो सकता है। तब जाकर सरकार की नींद खुलेगी। 

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