नयी दिल्ली,29अगस्त, डोकलाम गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान को भारत की कूटनीतिक जीत करार देते हुए विपक्षी नेताओं ने सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीटर पर कहा ‘ विदेश मंत्रालय के राजनयिकों और प्रधानमंत्री कार्यालय का कुशल नेतृत्व सभी को इसका श्रेय जाता है। समस्त देशवासियों की ओर से इसकी सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना को डोकलाम से हटने और वापस यथास्थिति पर लौटने के लिए तैयार करना विदेश मंत्रालय की कूटनीतिक जीत है। इसके लिए वह बधाई का पात्र है। ’ कांग्रेस पार्टी ने भी इस मामले में कल अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि यदि डोकलाम से चीन और भारत की सेनाओं के हटने की बात स्थायी रूप से सच साबित होती है तो यह स्वागतयोग्य है। हालांकि पार्टी ने इस पर कुछ दिन इंतजार करने की बात भी कही थी। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी डोकलाम मुद्दे के हल को सरकार की कूटनीतिक जीत बताया है। उन्होंने राज्य के विशेष दर्जे को लेकर मोदी सरकार के साथ चल रहे विरोधों को दरकिनार करते हुए डोकलाम को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखते हुए कहा कि चीन के खिलाफ भारत की यह कूटनीतिक जीत इसलिए भी काफी मायने रखती है क्योंकि यह ढिंडोरा पीटने की बजाए बहुत ही शांतिपूर्ण और संयमित तरीके से किया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम बधाई की पात्र है।
उन्होंने डोकलाम मसले के सुलझने को न तो किसी की हार और न ही किसी की जीत बताए जाने के एक पत्रकार के ट्वीट पर कहा ‘ डोकलाम पर पहले की यथास्थिति का बनना क्या प्रधानमंत्री मोदी और भारत की जीत नहीं मानी जानी चाहिए क्योंकि डोकलाम में सड़क निर्माण के लिए चीन ने यथास्थिति का उल्लंघन किया था। ऐसे में अगर उसे वापस हटना पड़ा है तो यह भारत की कूटनीतिक जीत है। ’ श्री अब्दुल्ला ने चीन की सेना की इस टिप्पणी पर कि भारत को डोकलाम से सबक लेना चाहिए ट्वीट किया ‘ हां हमें यह सबक मिला है कि अाप लोग उतने ताकतवर नहीं हैं जितना होने का दावा करते हैं। हमें यह सबक भी मिला है कि अगर हम रणनीतिक तौर पर मजबूत स्थिति में हों तो तुम लोगों को झुकने के लिए मजबूर कर सकते हैं। ’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच सिक्किम सेक्टर से लगते डोकलाम क्षेत्र में पिछले लगभग ढाई महीने से चला आ रहा गतिरोध कल दोनों देशों के विवादित क्षेत्र से अपने सैनिकों को हटाने के साथ ही खत्म हो गया। विदेश मंत्रालय के अनुसार डोकलाम विवाद को सुलझाने के लिए चीन और भारत के बीच लगातार राजनयिक संवाद चल रहा था और इसी क्रम में दोनेा देशों के बीच सेना हटाने पर सहमति बनी।
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