- इनरव्हील क्लब नार्थ उदया वाराणसी के बैनर तले आयोजित संवाद में मुस्लिम महिलाओं ने रखी अपनी बात, किया दीपदान
वाराणसी (सुरेश गांधी )। देश की मुस्लिम महिलाओं ने अपने हक की लड़ाई जीत ली है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के उस चलन को पूरी तरह से असांविधानिक करार दिया है, जो बड़ी संख्या में महिलाओं की परेशानी का कारण तो बन ही रहा था, उन्हें बराबरी के अधिकार से भी वंचित कर रहा था। इस जीत का सेहरा अगर किसी के सिर बांधा जा सकता है, तो वे आम मुस्लिम महिलाएं ही हैं। इस फैसले से हजारों महिलाओं के घर टूटने से बचा लिया है। यह बातें बुधवार को इनरव्हील क्लब नार्थ उदया वाराणसी के बैनर तले तुलसी घाट पर आयोजित संवाद में मुस्लिम महिलाओं ने कहीं। संस्था की अध्यक्ष नीलू शुक्ल उर्फ ‘तनू’ ने कहा कि कोर्ट का फैसला मुस्लिम बहनों के लिए उपहार है। वे इसे ईद की तरह मनाएं। इस फैसले से बड़ी संख्या में महिलाओं को उनका हक मिला है। सालों से तीन तलाक के नाम पर महिलाओं के साथ हो रही नइंसाफी पर रोक लगेगी। यह ऐसी लड़ाई है जिसे महिलाओं ने अपने दम पर जीता है। इससे महिलाओं का उत्पीड़न बंद होगा। उनमें सुरक्षा की भावना पैदा होगी। शबनम खातून ने कहा, कभी नहीं सोचा था कि मुस्लिम महिलाओं के हक में इतना बड़ा फैसला आएगां बहुत खूश हूं। इस फैसले ने जिंदगी में नई रोशनी भर दी है। कभी हर पल तीन तलाक का डर सताया करता था। उन्होंने तीन तलाक खत्म करने की लड़ाई में केंद्र सरकार के समर्थन की सराहना की। शबाना ने भी न्यायालय के फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमें तीन तलाक के डर से मुक्ति मिल गई। पुरुषों की मनमानी नहीं चलेगी। मुख्य अतिथि क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन ममता द्विवेदी ने कहा कि इस फैसले से मुस्लिम बहनों की बच्चियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। वे अपने हक के साथ जी सकेंगी। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मुस्लिम महिलाओं में खास ऊर्जा भर दी है। उन्होंने कहा कि आखिरकार न्यायालय ने इंसानियत का साथ दिया। अब जलालत व जहन्नुम की जिंदगी से मुक्त होकर हम हक के साथ जीएंगे। इस मौके पर साधना गुप्ता, रोशनी द्विवेदी, काजल चंदानी, अर्चना पांडेय, संध्या सिंह, मंजू गुप्ता, शिखा, छबि, अग्रवाल आदि ने अपनी बाते रखी।
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