नयी दिल्ली, 31 अगस्त, उच्चतम न्यायालय राजनीतिक रूप से संवेदनशील 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स रिश्वत कांड के संबंध में कल सुनवाई करेगी। यह सुनवाई हाल में मीडिया में आईं इन खबरों के बीच होगी कि 1986 में होवित्जर तोपों के 1437 करोड़ रुपये के सौदे के लिए रिश्वत दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। अग्रवाल ने इस मामले में यूरोप में रह रहे हिन्दुजा बंधुओं के खिलाफ सभी आरोप खारिज करने के 31 मई 2005 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने 18 अक्तूबर 2005 को उनकी याचिका विचारार्थ स्वीकार की थी। यह याचिका इसलिए दायर की गई थी क्योंकि सीबीआई उच्च न्यायालय के फैसले के बाद 90 दिन की समयसीमा में शीर्ष अदालत में अपील दायर नहीं कर पाई थी। यह सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि सत्तारूढ भाजपा के सांसदों ने संसद में बोफोर्स घूसकांड की जांच फिर से शुरु कराने की मीडिया में खबर आने पर मांग की थी। इस खबर में स्वीडिश मुख्य जांचकर्ता स्टेन लिंडस्ट्रोम के हवाले से शीर्ष स्तर पर कथित रिश्वत की बात कही गई थी। वर्ष 2014 में कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली लोकसभा चुनाव लड़ चुके अग्रवाल ने कहा था कि वह शीर्ष अदालत का ध्यान इस बारे में भी आकर्षित करेंगे कि उन्हेांने फेमा और धन शोधन रोकथाम कानून के तहत घूस के धन के आवागमन की जांच की मांग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय को एक पत्र लिखा था। ईडी को 28 जुलाई को लिखे पत्र में उन्होंने दावा किया कि कथित अपराध 2006 तक लगातार जारी रहे जब सौदे के एक बिचौलिये के रूप में आरोपी इतालवी कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोची के लंदन के दो खातों से लेनदेन पर रोक हटी थी।
गुरुवार, 31 अगस्त 2017
बोफोर्स मामला: न्यायालय कल करेगी सुनवाई
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