16 हजार करोड़ की सौभाग्य योजना शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 26 सितंबर 2017

16 हजार करोड़ की सौभाग्य योजना शुरू

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नयी दिल्ली 25 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों की मुश्किलें दूर करने का अपनी सरकार का संकल्प व्यक्त करते हुए आजादी के 70 वर्षाें के बाद भी देश के चार करोड़ घरों में बिजली नहीं पहुंचने पर अफसोस जताते हुये इन घरों को रौशन करने के लिए ‘ 16 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना - सौभाग्य’ का आज शुभारंभ किया। श्री मोदी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशती समाराेहों के समापन के मौके पर यहां सौभाग्य का शुभारंभ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पिछले तीन साल में देश को बिजली संकट से उबार लिया है जिससे गरीबों तक भी बिजली पहुंचाना संभव हो रहा है। उन्होेंने कहा, “ गरीब का सपना मेरी सरकार का सपना है और गरीब की मुश्किलें कम करना, मेरी सरकार का दायित्व।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस जताया कि देश को आजादी मिलने के 70 साल बाद भी आज 25 करोड घरों में से चार करोड़ घरों में बिजली नहीं है और इनमें रहने वाले लोग 18 वीं शताब्दी की स्थिति में गुजारा कर रहे हैं। उन्होेंने कहा कि उनकी सरकार ने बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए पिछले तीन साल के दौरान कई कदम उठाए हैं जिससे देश बिजली संकट से निकलकर बिजली सरप्लस की ओर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ‘सौभाग्य’ इसी दिशा में अगली कड़ी है जिसके तहत हर घर तक बिजली पहुंचायी जाएगी। बिजली कनेक्शन से ही भाग्य बदलेगा और सौभाग्य आएगा। इस योजना से विशेष रुप से महिलाओं पर दबाव घटेगा। वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने बिजली से वंचित 18 हजार गांवों में 1000 दिन में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था और अब सिर्फ तीन हजार गांव ही ऐसे बचे हैं जहां बिजली नहीं है। तय समय के भीतर यह काम भी पूरा कर दिया जाएगा और दिसंबर 2018 तक देश के सभी घरों में बिजली पहुंच जायेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सरकार की इच्छा शक्ति का प्रतीक है कि हर गांव में ही नहीं बल्कि हर घर में बिजली पहुंचायी जाएगी। पुराने ढर्रे पर चलकर काम नहीं चल सकता। नए भारत के निर्माण के लिए नयी गति से काम करना जरुरी है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय तक कई बार बिजली घरों में एक दिन का ही कोयला बचा होने की बात ब्रेकिंग न्यूज बन जाती थी लेकिन पिछले तीन साल में ऐसा नहीं हुआ है और यह इस सरकार की नयी नीतियों और नए रवैये से संभव हाे पाया है। सरकार ने ऊर्जा के सभी स्रोतों, जलविद्युत, तापविद्युत, परमाणु ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि से उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम किया है।

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