लौह उत्खनन लीज की मंजूरी मामले की हो सीबीआई जांच : बाबूलाल मरांडी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

लौह उत्खनन लीज की मंजूरी मामले की हो सीबीआई जांच : बाबूलाल मरांडी

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दुमका 21 सितम्बर,  झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक-झाविमो) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य की रघुवर सरकार पर लौह उत्खनन लीज के रिन्यूअल की मंजूरी देने के मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया और केन्द्र सरकार से इस मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई)से जांच कराने की मांग की। श्री मरांडी ने आज यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में 1000 दिन के कार्यकाल के दौरान सरकार पर किसी तरह का आरोप नहीं लगने के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने किन परिस्थितियों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर लीज अवधि समाप्त होने के बावजूद शाह ब्रदर्स का 1200 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ कर दिया और लौह उत्खनन के लिए फिर उसकी कंपनी के नवीनीकरण आदेवन को मंत्रिमंडल में मंजूरी भी दे दी, इसका खुलासा किया जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि मामले की सीबीआई से जांच करायी जाये। झाविमो नेता ने कहा कि 1000 दिन कार्यकाल पूरा होने का राज्य सरकार जश्न मना रही है जबकि राज्य के शिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य केन्द्र बदहाल हैं। विद्यालयों में शिक्षक नहीं है। स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक और दवा उलपब्ध नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार की उपलब्धियों का दावा पूरी तरह से खोखला है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की उपजाऊ जमीन का कौड़ी के भाव जबरन अधिग्रहण कर रही है। यदि सरकार ने विकास के लिए काम किया है तो जश्न मनाकर उपलब्धियां गिनाने की क्या जरूरत है। लेकिन, राज्य सरकार काम करने की बजाय जश्न मनाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।


श्री मरांडी ने आरोप लगाया कि शाह बद्रर्स के आवेदन को मंजूरी देने में करोड़ों रुपये का घोटाला कर राज्य के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है इसलिए इस मामले में सीबीआई से उच्चस्तरीय जांच करायी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि शाह ब्रदर्स को वर्ष 1972 में तीस वर्ष के लिए लौह उत्खनन का पट्टा दिया गया था, जिसकी अवधि 2002 में ही समाप्त हो गयी। इसके बावजूद इस कंपनी द्वारा अवैध रूप से उत्खनन किया जाता रहा। उन्होंने कहा कि इस अनियमितता के कारण सरकार ने कंपनी पर 1200 करोड़ रुपये जुर्माना ठोका। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा उसी कम्पनी को दुबारा लौह खनन की अनुमति दिया जाना घोटाले काे प्रमाणित करता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार के सरकारी स्तर पर शराब बेचने के निर्णय से महज एक महीने में 50 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। वहीं, अवैध रूप से शराब बेचने का धंधा जारी है। इससे हाल में राजधानी रांची में 12 से अधिक लोगों को अपनी जांन गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव के समय पूरे देश में प्रति वर्ष दो करोड़ युवकों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन एक हजार दिन गुजर जाने के बावजूद झारखंड सहित पूरे देश में यह वादा पूरा नहीं हो पाया है। श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा के तीन साल के कार्यकाल में केन्द्र और राज्य सरकार का असली चरित्र और चेहरा जनता के सामने आ गया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में देश की जनता भाजपा को सबक सिखाने का इंतजार कर रही है। उन्होंने भाजपा पर लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या करने का भी आरोप लगाया। 

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