- शरणार्थियों को तमाम मानवीय सहायता प्रदान करो, 18 सितंबर को भाकपा-माले और इंसाफ मंच का राज्यव्यापी प्रतिवाद.
पटना 16 सितंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारी विरोध के बावजूद म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का नस्लीय जनसंहार जारी है, यह बेहद दुखद है. घरों में आग लगाने व उजाड़ने से लेकर मासूम बच्चों और महिलाओं को तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही है. वे पलायन को मजबूर हैं. म्यांमार सरकार रोहिंग्या को अपना नागरिक नहीं मानती और इसलिए वहां से भगाने के लिए उनपर बर्बर हमला कर रही है. यह पूरी तरह मानवताविरोधी व निंदनीय कदम है. म्यांमार सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देश की भी अवहेलना कर रही है. हमारी मांग है कि म्यांमार सरकार इस कार्रवाई पर अविलंब रोक लगाये. संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों व मानवीय मूल्यों के आधार पर शरणार्थियों को शरण देना बहुत जायज है. लेकिन यह बेहद दुखद है कि आज भारत की मोदी सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण देने की बजाए उन्हें भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए वापस खदेड़ने की बात कह रही है. 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की केंद्र सरकार की योजना का पुरजोर विरोध होना चाहिए. मोदी सरकार की नीति सांप्रदायिक सोच से प्रभावित है.
यह और दुखद है कि भारत सरकार ने रोहिंग्या के खिलाफ उलटे म्यांमार सुरक्षाबलों की कार्रवाई का ही समर्थन किया है. जबकि भारत के प्रबुद्ध नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र संघ से रोहिंग्या मुसलमानों को तुरंत मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की है और म्यांमार में मुसलमानों का जनसंहार रोकने की मांग की है. मानवाधिकार आयोग भी इसके लिए म्यांमार सरकार की कई बार निंदा कर चुका है. संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार विश्व में जिन समुदायों का सबसे ज्यादा जातीय सफाया किया गया है उनमें रोहिंग्या मुसलमान भी हैं. भारत सरकार का रुख बेहद निंदनीय है. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि आज जब कोलकाता से लेकर दिल्ली तक रोहिंग्या मुसलमानों के हक में आवाजें उठ रही हैं, हमारे राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर चुप्पी साध रखी है. नीतीश कुमार का यह रवैया बेहद निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के इस नस्लवादी जनसंहार पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए 18 सितंबर को हमारी पार्टी भाकपा-माले और इंसाफ मंच के बैनर से पूरे राज्य में प्रतिवाद किया जाएगा.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें