नयी दिल्ली, 01 सितम्बर, उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिज्ञों को चुनाव आयोग की आलोचना करने पर प्रतिबंध लगाने वाले उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले पर आज रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने नैनीताल निवासी रमेश पांडेय की याचिका की सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश सुनाया। न्यायालय ने कहा, “हमने सभी संबंधित पक्षों की दलीलें विस्तृत तौर पर सुनी है। हम उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाते हैं जिसके तहत राजनेताओं को चुनाव आयोग की आलोचना करने से प्रतिबंधित किया गया था।” न्यायालय छह सप्ताह के बाद इस मामले की सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उच्च न्यायालय का यह आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। गौरतलब है कि गत दो जून को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा था कि किसी को भी चुनाव आयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की आलोचना करने का अधिकार नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और राजनीतिक दलों को किसी भी संवैधानिक संस्था की साख को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। शीर्ष अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब तलब किया है।
शनिवार, 2 सितंबर 2017
चुनाव आयोग की आलोचना पर हाईकोर्ट की रोक हटी
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