मुसहरी। संसार में भूख से मरने वाले 118 देशों में 97 वें स्थान पर भारत पहुंच गया है। जबकि भारत 2008 में 66 वें और 2014 में 55 वें स्थान पर था। खैर, मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ और उसके तबाही से लोग परेशान हैं। बाढ़ के तुरंत बाद लोगों को रोजगार चाहिये। महात्मा गांधी नरेगा से लोगों से लोगों को काम देने की व्यवस्था नहीं की गयी है। लोगों को सलाह देने वाले नहीं हैं जो काम के लिये आवेदन दिलवा दें।निश्चित समय में काम नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता मांग कर सकते हैं। निजी काम भी नहीं मिल रहा है। एकता परिषद की राष्ट्रीय समिति की सदस्या मंजू डुंगडुंग ने कहा कि मुसहरी प्रखंड के नवादा गांव में गये। यहां 30 द्यरों में 160 लोग रहते हैं। यहां पर सरकार की ओर से व्यवस्था नहीं करने के कारण भूखमरी का आलम है। हेल्दी लाइफ के लिये कम से कम भात,दाल और सब्जी चाहिये। जो महिलाओं और बच्चों को नहीं मिल रहा है। बच्चे छूछे भात खाने को बाध्य हैं। परोपकारी जन संगठन एकता परिषद बिहार के द्वारा फिलवक्त 3 किलोग्राम चिऊरा और 250 ग्राम मीठा की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ सभी द्यरों में थाली,कटौरा और गिलास दिया गया। मौके पर एकता परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी, एकता परिषद की राष्ट्रीय सदस्या मंजू डुंगडुंग,प्रांतीय सदस्य लखेंद्र जी,जिला समन्वयक शिवनाथ पासवान और मुसहरी प्रखंड कार्यकर्ता वासुदेव दास मौजूद थे।
शनिवार, 23 सितंबर 2017
भूख से मरने वाले 118 देशों में 97 वें स्थान पर भारत
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