विवेकानंद से सीख लेकर नया भारत बनायें युवा : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 12 सितंबर 2017

विवेकानंद से सीख लेकर नया भारत बनायें युवा : मोदी

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नयी दिल्ली,11 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाआें से नये भारत के निर्माण के लिए स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को अपनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि दुनिया ने अगर सवा सौ साल पहले 9 /11 के शांति एवं भाईचारे के उनके संदेश को अपनाया होता तो अमेरिका की धरती पर 9/11 की विनाशकारी घटना न हुई होती, श्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद के अमेरिका के शिकागो में 1893 में दिए गए भाषण के 125 वर्ष पूरे होने के मौके तथा दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशती के अवसर पर दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा यहां आयोजित छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हए यह आह्वान किया । श्री मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने मात्र 30 वर्ष की उम्र में दुनिया को प्रेम ,शांति और भाईचारे का रास्ता दिखाया था और भारत की संस्कृति और विरासत से परिचित कराया था । प्रधानमंत्री ने कहा कि विवेकानंद ने कुरीतियों से लडने और सिर्फ पूजा -पाठ की जगह जनसेवा करने की भी सीख दी थी । वह भारत को उद्योग -धंधों के जरिये आधुनिक बनाना चाहते थे और वह एक ऐसे भविष्यद्रष्टा थे जिन्होंने कई वर्ष पहले यह कहा था कि एशिया महाद्वीप दुनिया की समस्याओं के समाधान में अग्रणी भूमिका निभायेगा जबकि पूरी दुनिया आज यह कह रही है कि 21वीं सदी एशिया की होगी । युवाओं से स्वामी विवेकानंद के बताये रास्ते पर चलने का आह्वान करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मात्र 30 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को राह दिखायी थी और आज भारत में विवेकानंद की उस उम्र की करीब 65 प्रतिशत आबादी है जो बदलाव लाकर नये भारत का निर्माण कर सकती है । प्रधानमंत्री ने युवा वर्ग से असफल होने की परवाह किये बिना नवोन्मेष करने की सलाह दी और कहा कि युवाओं को रोजगार खोजने की बजाय रोजगार देने योग्य बनाना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए अटल नवोन्मेष योजना और अटल टिकरिंग लैब योजना शुरू की है । सामाजिक बुराइओं को दूर करने के लिए युवा वर्ग से आगे आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इससे श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा और दुनिया में एक बार फिर हमारी पहचान विश्व गुरु की बनेगी । प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल गया है,केवल जादू-टोने का देश नहीं रहा,विवेकानंद ने अपने भाषण से पहली बार विश्व का नजरिया बदल दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका की धरती पर शिकागो में 11 सितंबर को स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण दिया था जो 9/11 की पहली घटना थी । इस भाषण से उनकी ख्याति पूरी दुनिया में फ़ैल गयी थी। अगर दुनिया ने प्रेम ,शांति एवं भाईचारे के उनके सन्देश को अपनाया होता तो अमेरिका में 9/ 11 की दूसरी घटना नहीं हुई होती। उल्लेखनीय है कि 2001 में इस तारीख को अमेरिका में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें कई लोग हताहत हुए थे और पूरी दुनिया हिल गयी थी । श्री मोदी ने विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच हुए पत्राचार और संवाद की भी चर्चा की जिसमें विवेकानंद ने टाटा को देश में उद्योग लगाने की बात कही थी। उन्होंने इस अवसर पर विनोवा भावे और दीन दयाल उपाध्याय का भी स्मरण किया जिनकी जयन्ती मनाई जा रही है। उन्होंने उनके अन्त्योदय कार्यक्रम एवं एकात्म मानवतावाद की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता आन्दोलन को आगे बढ़ने के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय परिसरों को साफ़-सुथरा बनाने की अपील की और कहा कि देश करने वाले ही वन्देमातरम बोलने के असली अधिकारी हैं।उन्होंने देश की बेटियों को इस बात के लिए बधाई दी कि वे शौचालयों के अभाव में शादियां करने से भी मना कर दे रही हैं। उन्होंने छात्रों को यह भी सलाह दी कि वे कालेजों में ‘रोज डे’ तो मनायें लेकिन भारतीय भाषाओं के लिए भी वे दिवस आयोजित करें तथा ‘तमिल डे’, ‘मलयालम डे’ मनाकर एक दूसरे की संस्कृति और भाषा से परिचित हों।

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